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यकायक
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यति
इकट्ठा, मिला जुला; जाई (वि०) 1 एक में मिला हुआ यजमान हैं)। ता (स्त्री०) = यजमानी 2 एक ही पक्ष में रहनेवाला; जान (वि०) एक दिल; | यजमानी-स० + हिं० (स्त्री०) 1 यजमान होने का भाव
तरफ़ा + अ० + हिं० (वि०) एक तरफ़ का | 2 यजमान का काम 3 यजमानों का वासस्थान (जैसे-यकतरफ़ा फ़ैसला): ता (वि०) अनुपम, अद्वितीयः | यजी-सं० (पु०) = यजमान
ताई (स्त्री०) 1 अद्वितीयता 2 अद्वैत; तारा + हिं० | यज़ीद-अ० (पु०) करबला का युद्ध करानेवाला उम्मिया (पु०) इक तारा (बाजा) दिल (वि०) = यकजान; ख़ानदान का दूसरा ख़लीफ़ा
फ़र्दी, फसली + अ + फ़ा० (वि०) साल में एक ही यजुः-सं० (पु०) 1 वेद के गद्य मंत्र 2 यजुर्वेद फ़सल पैदा करनेवाली (भूमि); ~वयक -बारगी (क्रि० यजुर्विद्-सं० (पु०) 1 यजुर्वेद का ज्ञाता और पंडित 2 यजुर्वेद वि०) एक बारगी, एकाएक; ~मंज़िला + अ + हिं० | जाननेवाला (वि०) एक मंज़िल का; ~मुश्त (क्रि० वि०) एक बार में; यजुर्वेद-सं० (पु०) चार वेदों में से एक और दूसरा वेद
रंग, रंगा + हिं० (वि०) एक ही रंग का, अंदर बाहर | यजुर्वेदी-I सं० (पु०) यजुर्वेद को जाननेवाला II (वि०) से समान; रंगी (स्त्री०) एक रंग होने का भाव; रुखी यजुर्वेद संबंधी (वि०) एक तरफ़ का, एक रुख का; रोज़ा (वि०) एक यज्ञ-सं० (पु.) 1 हवन पूजन युक्त एक वैदिक कृत्य दिन का; लखन (वि.) = यकक़लम; ~सर (वि०) (जैसे-पंच महायज्ञ) 2 धार्मिक कृत्य (जैसे-पुत्र कामना हेतु 1 अकेला 2 इकट्ठा, कुल, ~साँ (वि०) एक सा, एक प्रकार किया गया यज्ञ) 3 शुभ अनुष्ठान या काम (जैसे-वेद यज्ञ, का; सानी (स्त्री०) सदृशता, यकसाँ होना; ~साला विवाह आदि में किया जानेवाला यज्ञ)। कर्ता (पु०) = (वि०) एक साल का; ~सू (वि०) 1 एक ओर 2 ठहरा यजमान; ~कर्म (पु०) यज्ञ संबंधी; ~कीलक (पु०) यज्ञ हुआ 3 एकाग्र; ~सू मिज़ाज + अ० (वि०) एक के बलिपशु को बाँधने का खुंटा; ~कुंड (पु०) हवन की स्वभाववाला
आहुति डालने का पात्र या गड्ढा; क्रिया (स्त्री०) = यज्ञ यकायक-फा० (क्रि० वि०) 1 एकाएक 2 यकक़लम कर्म: दक्षिणा (स्त्री०) यज्ञ कराने के उपलक्ष्य में ब्राह्मणों यकार-सं० (पु०) 'य' नामक वर्ण
को दिया गया धन; ~पति (पु०) - यजमान; पशु यक़ीन-अ० (पु०) 1 विश्वास 2 प्रतीति। ~आना विश्वास (पू०) यज्ञ में बलि दिया जानेवाला पशुः पात्र (पु०) होना; करना विश्वास करना; ~जानना एतबार करना;
हवन करने का काठ आदि का बना पात्र; ~भाग (पु०) ~मानो सच जानो
1 देवताओं को मिलनेवाला यज्ञ का हिस्सा 2 यज्ञ उपहार; यक़ीनन-अ० (क्रि० वि०) निःसंदेह (जैसे-यक़ीनन ऐसी ~भूमि (स्त्री०) यज्ञ के लिए नियत स्थान; ~भूषण (पु०) घटना घटी)
कुश; ~मंडल (पु०) यज्ञ हेतु घेरा गया स्थान; ~याग यक़ीनी-[अ० (वि०) असंदिग्ध II (क्रि० वि०) - यक़ीनन (पु०) यज्ञ हवन आदि; ~वृक्ष (पु०) वट वृक्ष; ~शाला यकुम-फा० (स्त्री०) महोने की पहली तारीख
(स्त्री०) यज्ञ करने का स्थान, यज्ञ मंडप; ~शास्त्र (पु०) वह यकृत्-सं० (पु०) 1 पेट में दाहिनी ओर पाचन रस की थैली, शास्त्र जिसमें यज्ञों और उनके कृत्यों का विवेचन रहता है; जिगर. तिल्ली 2 यकृत में होनेवाला एक रोग 3 पक्वाशय । ~शील (पु०) यज्ञ करनेवाला व्यक्ति; ~संस्तर (पु०) = शोथ (पु०) चि० जिगर की सूजन
यज्ञ भूमि; ~सूत्र (पु०) = यज्ञोपवीत; स्तंभ (पु०) यज्ञ यक्ष-सं० (पु०) 1 कुबेर के गणों और उनकी निधियों की रक्षा |
कीलक करनेवाली एक प्रकार की देवयोनि 2 कुबेर के सेवक 3 कुबेर ।। यज्ञक-सं० (पु०) = यज्ञकर्ता
रात्रि (स्त्री०) दीपावली; वित्त (पु०) धन की केवल यज्ञागार-सं० (पु०) = यज्ञशाला रक्षा करनेवाला पुरुष, कंजूस
यज्ञाग्नि-सं० (स्त्री०) यज्ञ की अग्नि यक्षण-सं० (पु०) 1 पूजा करना 2 भक्षण, खाना यज्ञीय-सं० (वि०) 1 यज्ञ का 2 यज्ञ में होनेवाला यक्षु-सं० (पु०) यज्ञ करनेवाला
यज्ञोपकरण-सं० (पु०) यज्ञ में काम आनेवाले पात्र हवन यक्ष्म-सं० (पु०) = यक्ष्मा। ~ग्रस्त (वि०) क्षय रोग से ग्रस्त | संबंधी सामग्री आदि यक्ष्मा-सं० (पु०) क्षयरोग, तपेदिक, टीबी
यज्ञोपवीत-सं० (पु०) 1 जनेऊ, उपनयन 2 जनेऊ, यज्ञ सूत्र। यक्ष्मी-सं० (वि०) यक्ष्मा से ग्रस्त
~संस्कार (पु०) जनेऊ पहनाने का संस्कार, जनेऊ पहनाने यख-I फ़ा० (पु०) बर्फ, हिम II (वि०) अति शीतल, का उत्सव अत्यंत ठंडा
यज्य-[ सं० (पु०) यजमान II (वि०) यज्ञ करनेवाला यखनी-फा० (स्त्री०) उबले मांस का रसा, शोरबा। पुलाव यज्या-सं० (स्त्री०) यज्ञ (पु०) मांसरस मिला पुलाव
यत-सं० (वि०) 1 नियमित 2 दमन किया हआ 3 रोका हुआ। यगानगी-फ़ा० (स्त्री०) 1 आत्मीयता 2 समीपता 3 अनोखापन -चित्त (वि०) नियंत्रित मनवाला; ~व्रत (वि०) संयमी यगाना-[ फा० (वि०) 1 आत्मीय 2 अकेला, एकाकी | यतन-सं० (पु०) यत्न करना 3 अनुपम, बेजोड़ II (पु०) नातेदार
यतनीय-I सं० (वि०) यत्न करने योग्य यजन-सं० (पु०) 1 यज्ञ करना 2 यज्ञ स्थल
यतमान-सं० (वि०) यत्न करता हआ, चेष्टावान् यजमान-सं० (पु०) 1 यज्ञ करनेवाला व्यक्ति 2 ब्राह्मणों से यतात्मा-सं० (वि०) संयमी, यतव्रत धार्मिक कृत्य करानेवाला व्यक्ति (जैसे-आप हमारे पुराने यति-[ सं० (स्त्री०) 1 रोक, रुकावट 2 मनोविकार। ~भंग