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परापेक्षी
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परिक्रमा
परापेक्षी-सं० (वि०) दूसरे का मुँह ताकनेवाला
परावर्ती-सं० (वि०) 1 पुनः अपने स्थान पर लौटकर परा-बैंगनी-सं० - हिं० (वि०) सूर्य की सात रंगी किरणों में से आनेवाला 2 पुनः अपनी पूर्व स्थिति में आनेवाला अत्यंत बैंगनी रंगवाली (किरण)
परार्त्य-सं० (वि०) जो लौटाया जा सके पराभव-सं० (पु०) 1 पराजय, हार 2 तिरस्कार 3 विनाश परावलंबन-सं० (पु०) - पराधीनता पराभूत-सं० (वि०) 1 पराजित, परास्त 2 विनष्ट, ध्वस्त परावलंबी-सं० (वि०) = पराधीन परा-मनोविज्ञान-सं० (पु०) नवीन खोजों के आधार पर | पराविद्या-सं० (स्त्री०) अध्यात्म विद्या प्रमाणित मानव की आध्यात्मिक एवं मानसिक शक्तियाँ जो | परावृत्त-स० (वि०) 1 पलटाया हुआ, परावर्तित 2 पलटा हुआ काल, देश तथा सीमाओं में बद्ध नहीं हैं तथा उनके द्वारा किए | 3 बदला हुआ जानेवाले अद्भुत कार्यों का साधारण बुद्धि एवं विज्ञान से कोई परावृत्ति-सं० (स्त्री०) 1 परावर्तन, पलटाव 2 परावर्तन व्यवहार संबंध एवं समाधान नहीं होता
पराशक्ति-सं० (स्त्री०) मानवेतर शक्ति परा-मनोवैज्ञानिक-I सं० (वि०) परा-मनोविज्ञान संबंधी पराश्रय-सं० (पु०) 1 दूसरे का सहारा 2 परवशता, पराधीनता II (पु०) परा-मनोविज्ञान का ज्ञाता
पराश्रयी-सं० (वि०) 1 दूसरे के सहारे पर रहनेवाला 2 दे० परामर्श-सं० (पु०) 1 विवेचन हेतु आपस में होनेवाली सलाह परजीवी 2 दूसरे से ली जानेवाली सलाह (जैसे-मैं आपसे कुछ परामर्श पराश्रव्य-सं० (वि०) दूर से न सुनाई दे सके (जैसे-रेडियो में करना चाहता हूँ) 3 निर्णय 4 तरकीब, युक्ति। ~दाता हम पराश्रव्य ध्वनियाँ सुनते हैं) (पु०) दूसरों को सलाह देनेवाला; ~दात्री (स्त्री०) परामर्श पराश्रित-सं० (वि०) 1 दूसरों के आश्रय में रहनेवाला 2 जो देनेवाली (समिति); ~समिति (स्त्री०) वह समिति, परिषद दूसरे के भरोसे चलता हो जो किसी विषय पर अपनी राय देने के लिए गठित की जाती है, परास-सं० (पु०) 1 फेंकी गई वस्तु द्वारा तय की गई दूरी राय जानने के लिए नियुक्त की गई समिति
2 उतना क्षेत्र जहाँ तक किसी क्रिया का प्रभाव पड़ता हो परामर्शन-सं० (पु०) 1 सलाह करना 2 विवेचन करना परास्त-सं० (वि०) = पराजित 3चिंतन, स्मरण
पराह-सं० (पु०) दूसरा दिन परामर्शानुसार-सं० (वि०) जो सलाह के अनुरूप हो पराहत-सं० (वि०) 1 पीछे हटाया हुआ 2 आक्रांत 3 ध्वस्त परामर्षीय-सं० (वि०) सलाह-मशविरे का
पराह्न-सं० (पु०) दोपहर के बाद का समय, अपराह्न परामृत-सं० (वि०) जिसने मृत्यु को जीत लिया हो । परिंदा-फ़ा० (पु०) चिड़िया, पक्षी परामष्ट-सं० (वि०) 1जिसके विषय में सलाह हो चुकी हो । परिकंप-सं० (पु०) बहुत ज़ोरों का कंपन, कँपकँपी 2 जिसके विषय में विचारोपरांत निर्णय हो चुका हो परिकथा-सं० (स्त्री०) बड़ी कहानी के अंतर्गत आई हई छोटी परापचा-फ़ा० (पु०) 1 टोपियाँ आदि बेचनेवाला कहानी, अनुकथा 2 सिले-सिलाए कपड़े बेचनेवाला
परिकर-सं० (पु०) 1 घर के लोग 2 परिवार के लोग 3 राजा परायण-सं० (वि०) 1 अति आसक्त 2 निरत 3 निष्ठा आदि के साथ रहनेवाले लोग, परिजन (जैसे-कर्तव्यपरायण, धर्मपरायण स्त्री)
परिकर्म-सं० (पु०) देह को सजाने का काम, शारीरिक श्रृंगार परायत्त-सं० (वि०) पराधीन
परिकर्षण-सं० (पु०) ज़मीन जोतना-बोना आदि पराया-(वि०) 1 जिसका संबंध दूसरे से हो, अपने से भिन्न | परिकलक-सं० (पु०) । हिसाब लगानेवाला व्यक्ति 2 हिसाब (जैसे-पराया धन बेचना अनुचित है) 2 आत्मीय से भित्र लगानेवाला आधुनिक यंत्र (जैसे-भारतीय अन्य देशवासियों को पराया नहीं समझते हैं) | परिकलन-सं० (पु०) ग० जटिल गणना, कठिन हिसाब। परार-बो० (वि०) दूसरे का
~यंत्र (पु०) कंप्यूटर परार्थ-I सं० (वि०) जो दूसरे के निमित्त हो II (पु०) उपकार परिकलित-सं० (वि०) जिसका परिकलन हो चुका हो,
की दृष्टि से दूसरों का किया गया कार्य। -भाव, ~वाद ___ अनुमान लगाया हुआ (पु०) दूसरों की भलाई, हित करते रहने का सिद्धांत; ~वादी परिकल्पन-(पु०), परिकल्पना-सं० (स्त्रा०) 1 तर्क के | (वि०) 1 परार्थवाद संबंधी 2 परार्थवाद का अनुयायी लिए किसी बात की कल्पना करना 2 अनुमान करना 3 चिंतन,
II (पु०) दूसरों का सदैव उपकार करनेवाला व्यक्ति 'मनन परार्द्ध-सं० (पु०) उत्तरार्द्ध
परिकल्पित-सं० (वि०) 1मन में गढ़ा हआ, मनगढंत परावटु-ग्रंथि-सं० (स्त्री०) परेवाली गलग्रंथि
2 अनुमानित 3 तर्क के लिए माना हआ परावर-I सं० (वि०) 1 पहले और पीछे का 2 निकट और दूर | परीकीर्ण-सं० (वि०) 1 फैलाया हुआ 2 छितराया हुआ का II (पु०) कारण और कार्य
परिकीर्तन-सं० (पु०) 1 गुणों की अत्यधिक प्रशंसा करना, परावर्तक-सं० (वि.) 1 लौटकर पीछे आनेवाला | अति गुणगान करना 2 ऊँचे स्वर में कीर्तन करना 2 अदल-बदल जानेवाला ।
परिकूट-सं० (पु०) 1 नगर के द्वार को घेरनेवाली खाई 2 दर्ग परावर्तन-सं० (पु०) 1 लौटकर पीछे आना, प्रत्यावर्तन | के फाटक को घेरनेवाली खाई 2 उलटाया जाना 3 उलटने पर फिर ज्यों का त्यों हो जाना। | परिक्रम, परिक्रमण-सं० (पु०) । चारों तरफ़ घूमना 2 घूमना व्यवहार (पु०) पुनर्विचार
| 3 टहलना 4 कार्य निरीक्षण हेतु स्थान-स्थान पर जाना परावर्तित-सं० (वि०) पीछे की ओर लौटाया हआ परिक्रमा-सं० (स्त्री०) 1 प्रदक्षिणा 2 फेरी देने का मार्ग।
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