Book Title: Kuvalaymala Part 01
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust

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Page 180
________________ (१३९) १७७ 1 दुज्जण - हिययं पिव विसमं । इमं पुण ण एरिसं । ता किं पाययं होज्ज । हुं, तं पि णो, जेण तं सयल-कला-कलाव-माला-जल-कल्लोल-संकुलं लोय3 वुत्तंत- महोयहि-महापुरिस - महणुग्गयामय-णीसंद - बिंदु - संदोहं संघडिय - एक्वेक्म-वण्ण-पय-णाणाख्व-विरयणा-सहं सज्जण - वयणं पिव सुह-संगयं । 5 एयं पुण ण सुट्टु । ता किं पुण अवहंसं होहि । हूं, तं पि णो, जेण सक्कयपायओभय - सुद्धा-सुद्ध-पय- सम-विसम- तरंग-रंगत-वग्गिरं णव - पाउस7 जलय-पवाह-पूर-पव्वालिय- गिरि - णइ - सरिसं सम-विसमं पणय - कुविय - पिय-पणइणी-समुल्लाव-सरिसं मनोहरं । एयं पुण ण सुट्टु । किं पुण होहि त् 9 चिंतयंतेण पुणो समायण्णियं । अरे, अत्थि चउत्था भासा पेसाया, ता सा इमा होहि'त्ति । एत्थ वड-पायवोयरे पिसायाण उल्लावो होहई' ति । 1 -पवन (१३९) 'ता पुण को इमाणं समुल्लावो वट्टई' त्ति चिंतयंतो ओ । भणियमण्णेण पिसाएण णियय-भासाए । 'भो एतं तए लप्पिय्यते यथा तुब्भेहिं 13 एतं पव्वय-नती-तीर-रम्म-वन-काननुय्यान -पुर-नकर-पत्तन-सत-संकुलं पुथवी-मंडलं भममानकेहिं कतरो पतेसो रमनिय्यो निरिक्खितो त्ति । एत्थं 15 किं लपिय्यं । तं अभिनवुब्भिन्न- नव-चूत- मंजरी - कुसुमोत्तर - लीनसंचालित-मंदमंदंदोलमानमुपांत-पातपंतरल-साखा-संघट्ट-वित्तासित-छच्चरन17 रनरनायमान-तनुतर-पक्ख - संतति-विघट्टनुद्धूत- विचरमान-रजो-चुन्न-भिन्नहितपक - विगलमान - विमानित - मानिनी - सयंगाह - गहित-विय्याथर-रमनो 19 विय्या - थरोपवनाभोगो रमनिय्यो' त्ति । अण्णेण भणियं । 'नहि नहि कामचारविचरमान- सुर-कामिनी- निगिय्यमान - दइत - गोत्त - कित्तनुल्लसंत- रोमंच - सेतसलिल-पज्झरंत-पातालंतरक-रत्तुप्पल-1 -चित्त-पिथुल - कनक-सिलंतलो तितस - गिरिवरो पव्वत - राजो रमनिय्यतरो' त्ति । अण्णेण भणियं । 'कत्थमेतं 11 21 पुण om. 1) J om. ण, P पायं for पाययं. 2) P सकुला. 3) P महोयही, P मुहणुग्गया, P संदोह संघ०, J संघडिए एक्के. 4) P वनपायनाणारूव, P सुहं for सहं, P वणं for वयणं. 5) J किं अवहसं, P अवब्भंसं होहिई । हुं, Padds त before सक्कय. 6) Jom. विसम, J जलयर (but र perhaps struck off), P जलरय for जलय. 7) P पणयकुवियं पिव पण. 8) P तहा for सुट्टु. 9) P सम्मायन्नियं. 10) P वडपायवे, Pom. होहइ त्ति । ता को इमाणं समुल्लावो. 12 ) J एयं for एतं, P लपिप्पते. 13) J om. एतं, J णणती, P नदी for नती, P . तीर, P रंम, J वण P चन, P कानतुप्पान, J नकरपत्तदसत्त, P पुत्तन for पत्तन. 14) J मण्डलं, J के किं for केहिं, J निरिक्खित्तो P तिरिक्खित्तो P तिरिक्खिदो. 15) लप्पिज्जते for लपिय्यं, Pom. तं, Pom. नव, P भूतपंजरी, J लीण, J adds पवनसंचालित on the margin which is omitted in p. 16) J •दोलमानामुपात्तयातरुसंघट्ट, P दोलमानन्नवपातपं, J तरु for तरल, Jom. साखा, P संघव्वचित्तासित्तच्छच्च०. 17) J संतती, P विघटनु, JP चुण्ण, J भिण्ण, P भिन्नाहतपंकावि० 18 ) P विय्याधरो ०. 19 ) P रमनिज्जो, P अन्त्रेण, J भणिअं, P कामकामचारविचारमान. 20) P निच्चमानउदितगोत्त, P रोमंचा, J सेय for सेत. 21 ) P पज्जरंत, J पायालंतरक, P पातालनूक, P चिन for चित्त, P सिलातले. 22) J रमिनय्यातरो P रमनिज्जतरो, P अण्ण्ण, J भणिअं, Pom. लपितं .

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