Book Title: Kuvalaymala Part 01
Author(s): Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious Trust
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(१५०) 1 धूय त्ति काऊण समप्पिया । तं च मज्जयंती कीलावयंती य तहिं चेय अच्छिउँ
पयत्ता ता जाव जोव्वणं संपत्ता । जोव्वणे य वट्टमाणी सा केरिसा जाया । 3 अवि य ।
जं जं पुलएइ जणं हेलाएँ चलंत-णयण-जुवलेणं । 5 त त वम्मह-सर-वर-पहार-विहुर कुणइ सव्व ।।।
(१५०) इमम्मि एरिसे जोव्वणे वट्टमाणीए वणदत्ताए को उण कालो वट्टिउं 7 पयत्तो। ___ तरुवर-साहा-बाहा-णव-पल्लव-हत्थ-कुसुम-णह-सोहो । 9 पवणुव्वेल्लिर-हल्लिर-णच्चिर-सोहो णव-वसंतो ।। __ तओ तम्मि सुरवर-णर-किंणर-महयर-रमणी-मणहरे वसंत-समयम्मि मयण11 तेरसीए वट्टमाणे महामहे संकप्प-वेहिस्स काम-देवस्स बाहिरजाण-देवउल
जत्तं पेच्छिउं माइ-समग्गा सहियण-परियरिया तहिं उज्जाणे परिभममाणी 13 मयणूसवागएण दिट्ठा मोहदत्तेण । जाओ से अणुराओ । तीय वि वणदत्ताए
दिट्ठो सो कहिं पि पुलइओ । 15 जभा-वस-वलिउव्वेल्लमाण-णव-कणइ-तणुय-बाहाए ।
तह तीएँ पुलइओ सो लेप्पय-घडिओ व्व जह जाओ ।। 17 खणंतरं च सुण्ण-णयण-जुयलो अच्छिऊण चिंतिउं पयत्तो । सव्वहा
धण्णो को वि जुयाणो जयम्मि सो चेव लद्ध-माहप्पो । 19 धवलुव्वेल्लिर-णयणं जोवणयं पाविहिइ मीए ।। __चिंतिऊण सब्भावं परियाणणा-णिमित्तं च पढिया एक्का गाहल्लिया मोहदत्तेण । 21 ‘वयंस, पेच्छ पेच्छ,
कह-कह वि दंसणं पाविऊण भमरो इमो महुयरीए ।
1) P कीलावंती. 2) P ताव for ता, P पत्तो for संपत्ता. 4) P वलंतनयणजुयलेण. 5) P सरपहरवियणविहुरं. 6) P adds य before एरिसे, P धणदत्ताए. 8) P तरुयर, P नवसोहा ।. 10) P om. वर. 11) P विहिस्स कामएवस्स. 12) P जुत्तं for जत्तं, P सहियणिपरिवारिया. 13) P मयणूसवाएण, P सो for से. 14) P कहिंचि पुलइडं, J adds अवि य after पुलइओ. 15) P कणयवणुय. 16) P जडियव्व जहा. 18) P जुवाणो. 19) Jणयणो, J पाविहिइ इमीए, P पाहिही इमीए. 20) P •ऊण य सहावपरियणा निमित्त. 21) P om. one पेच्छ. 22) J इमी (अ) for इमो.

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