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वेला वीत्यां
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भिन्न भिन्न उच्चारण कहीं कहीं अर्थ भेद को भी बताते हैं और कहीं कहीं प्रांतिकता को भी ऐसा जान पडता है । 'क्षण' का 'खण' उच्चारण कालदर्शक 'क्षण' को ज्ञापित करता
तब 'क्षण' का 'छण' उच्चारण उत्सववाची 'क्षण' शब्द का द्योतक है । मराठी भाषा में उत्सव के अर्थ में 'सण' शब्द का व्यवहार प्रचलित है । उत्सव वाचक 'सण' शब्द से 'काल' का भान तो होता है परन्तु 'क्षण' की तरह सामान्य काल का नहि, वह 'सण' शब्द काल विशेष को द्योतित करना है यह ख्याल में रहे ।
मक्षिका - माखी, माछी (गुजराती)
अक्षि- आंख, आंछ (,, ) इत्यादिक शब्दों में 'क्ष' के 'ख' और 'छ' दोनों उच्चारण प्रतीत है । 'क्षीण' - 'झीण' जैसे प्रयोग में 'क्ष' का 'झ' उच्चारण है परन्तु अतिविरल | 'क्ष' के भिन्न भिन्न उच्चारणों को जानने के लिए देखो - ( हेमचन्द्र का प्राकृत व्याकरण, द्वितीयपाद सूत्र ३, १७, १८, १९, २० ) १५. वेला वीत्यां - वेला वीतने पर - प्राप्त समय जा
चुकने पर |
सं० 'व्यतीत' शब्द में हिंदी 'वीतना' गूजराती 'चीतवुं ' क्रियापद का मूल है। 'व्यतीत' के 'व्य' गत 'य' का संप्रसारण होने से 'वितीत' | 'दितीत' के 'ती' का 'त' लुप्त होने पर ''