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समयसार के अधिकारों का विहंगावलोकन
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५.संवर अधिकार :- इस अधिकार में आचार्य भगवन्त बतलाते हैं कि जो सम्यग्दर्शन है यानि जो शुद्धात्मा की अनुभूति है और उसमें ही स्थिरता है, वही साक्षात् संवर है। इस कारण इस अधिकार में भी आचार्य भगवन्त आत्मा के औदयिकादि भावों से भेद ज्ञान कराकर जीवों को परम पारिणामिक भाव रूप आत्मा के सहज परिणमन रूप शुद्धात्मा में ही स्थापित करते हैं
और कहते हैं कि उस शुद्धात्मा का वेदन, अनुभवन और स्थिरता ही निश्चय से संवर का कारण है; इसलिये अज्ञानी को कार्यकारी संवर नहीं है, जबकि ज्ञानी को वह सहज ही होता है। जैसे इस श्लोक में बताया है :
श्लोक १२९ :- 'यह साक्षात् (सर्व प्रकार से) संवर वास्तव में शुद्ध आत्म तत्त्व की उपलब्धि से (अर्थात् सम्यग्दर्शन से) होता है; और उस शुद्ध आत्म तत्त्व की उपलब्धि भेद विज्ञान से ही होती है इसलिये वह भेद विज्ञान अत्यन्त भाने योग्य है।' मतलब एकमात्र भेद विज्ञान का ही पुरुषार्थ कार्यकारी है।
श्लोक १३० :- ‘यह भेद विज्ञान अविच्छिन्न धारा से (अर्थात् जिसमें विच्छेद - विक्षेप न पड़े, ऐसे अखण्ड प्रवाह से) इतना भाना ताकि पर भावों से छूटकर ज्ञान, ज्ञान में ही स्थिर हो जाये।' यानि केवली बनने तक यही भेद ज्ञान का अभ्यास निरन्तर करने योग्य है।
श्लोक १३१ :- ‘जो कोई सिद्ध हुए हैं, वे भेद विज्ञान से सिद्ध हुए हैं; और जो कोई बन्धे हैं, वे उसके (भेद विज्ञान के) ही अभाव से बन्धे हैं।' भेद विज्ञान जैन दर्शन का सार है
और उसके लिये ही यह ‘समयसार' नाम का पूर्ण शास्त्र रचा गया है; इसलिये समयसार में सम्यग्दर्शन प्राप्त कराने के लिये आत्मा को सम्यग्दर्शन के विषय रूप शुद्धात्मा से ही ग्रहण किया है और अन्य भावों से भेद विज्ञान कराया है।
६. निर्जरा अधिकार :- इस अधिकार में आचार्य भगवन्त बतलाते हैं कि जो सम्यग्दर्शन है यानि जो शुद्धात्मा की अनुभूति और उसमें स्थिरता है, वही साक्षात् निर्जरा है, अन्यथा नहीं। इस कारण से इस अधिकार में साक्षात् निर्जरा के लिये भी अन्य सभी भावों से भेद ज्ञान ही कराया है, क्योंकि एकमात्र शुद्धात्मा की शरण लेने से ही सम्यग्दर्शन प्रगट होता है और उस सम्यग्दृष्टि को ही साक्षात् निर्जरा होती है, अन्यथा नहीं। जैसे कि -
गाथा १९५ :- ‘जैसे वैद्य पुरुष विष को भोगता हुआ अर्थात् खाते हुए भी मरण को प्राप्त नहीं होता (क्योंकि उसे उसकी मात्रा, पथ्य-अपथ्य इत्यादि का ज्ञान होने से मरण को प्राप्त नहीं