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(५२) (८) हिन्दी के सार्वजनिक पत्रों में फुटकर लेख तथा स्वतंत्र प्रमूदित सामयिक लेख निबन्ध चरित्र प्रादि-उल्लेखनीय लेखक-मिः । जैन वैद्य, ला० मुन्शीलाल, बा० दयाचन्द्र गोयलीय, वाडीलाल मोतीलाल शाह, बा सुपार्श्वदास गुप्त (इनका पार्लमेंट नामक ग्रन्थ ४०० पृष्ठ का पा), मा. मोतीलाल, डा. वेणीप्रसाद, बा. मणिकचन्द्र, सूबचन्द सौधिया, डा. निहालकरण सेठी, बालचन्द्राचार्य, सुखसम्पत्ति राय भंडारी, पं. नाथूराम प्रेमी, आदि।
(8) इस युग की स्फुट तथा फुटकर रचनाओं में जुगलकिशोर मुख्तार, नाथूराम प्रेमी, ज्योति प्रसाद प्रेमी प्रादि की हिन्दी कविताए, मुं० द्वारका प्रसाद के तीर्थ यात्रा विवरण, ब. शीतल प्रसाद व बैरिस्टर चम्पतराय के अन्य धर्मों के साथ जैन धर्म के तुलनात्मक अध्ययन, इत्यादि ।
(१०) दरख्शा, माईल, पैकी, ऋषभदास, सूरजभान, ज्योतिप्रसाद मामचन्दराय, सुमेरचन्द्र, प्रोसवाल, शिवव्रतलाल, नत्थूराम,चन्दूलाल प्रस्तर,
आदि की उर्दू जैन रचनाएं उल्लेखनीय हैं । अंग्रेजी आदि विदेशी भाषामा में जैन साहित्य अथवा जैन सम्बन्धी साहित्योल्लेखो का विवरण रा. ब. पारसदास व बा० छोटेलाल की बिबलियोनफियों और जैन गजट (अंग्रेजी) की फाईलों से प्राप्त हो सकता हैं।
इस युग के जैन साहित्य प्रकाशन मे विशेष योग देनेवाली सस्थाएं, प्रकाशक तथा व्यक्ति निम्नलिखित है-बम्बई की माणिकचन्द्र दि० जे. ग्रन्थमाला, मुनि अनन्तकीर्ति दि० जैन ग्रन्थमाला, जैन ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, जैन साहित्य प्रसारक कार्यालय, जैन मित्र कार्यालय, कलकत्ते की सनातन जैन ग्रन्थमाला, जैन सिद्धान्त प्रकाशिनी सस्था, ' जिनवाणी प्रचारक कार्यालय, और सेन्ट्रल जैन पब्लिशिंग हाउस आरा (अब लखनऊ), जैन तत्व प्रकाशिनी सभा इटावा, जनेन्द्र प्रेस कोल्हापुर, दि० जैन पुस्तकालय सूरत, जैन मित्र मंडल देहली, हीरालाल पन्नालाल जैन बुक सेलर्स देहली, दि० जैन शास्त्रार्थ सघ अम्बाला, प्रात्मानन्द जैन ट्रक्ट सोसाइटी अम्बाला, ,