Book Title: Prakashit Jain Sahitya
Author(s): Pannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
Publisher: Jain Mitra Mandal

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Page 297
________________ (२५) • मांस बहार हिस्सा मब्वल)-ले० डी० सी० पोसवाल, प्र• मन्त्री महावीर जैन सायनरी स्यालकोट, १० १२,२०१११६ । ___ मांस भक्षण निषेध हिस्सा दोयम]-ले० वा० नानकचन्द वैरागी, . मैन सभा मालेर कोटला, पृ० ४६, २० १९१३ । मिथ्यात नाशक नाटक [हिस्सा अव्वल]-ले० पं०रिसवदास, प्र० मा. बिहारीलाल बुलन्दशहरी, पृ० ५०, व० १८६६ । - मिथ्यात नाशक नाटक [हिस्सा दोयम]-ले०५० रिखवदास, प्र० मा." बिहारीलाल बुलन्दशहरी, पृ० १४, १० १६००। मिथ्यात नाशक नाटक [हिस्सा सोयम]-ले. पं० रिखवदास, प्र० मा. बिहारीलाल बुलन्दशहरी; पृ० ११६, व० १६०१ । मुक्ति-ले० प्रिंस हाफ मून, प्र० डा० परशादी लाल देहली, पृ० ३२॥ मुकदमा जैन मत समीक्षा-सं० प्र० बा० प्यारेलाल वकील देहली, . ६१, २० १९०५। मुरक्कम बरत-ले० बा० भोलानाय मुस्तार, प्र. जैन मित्र पंस बेहली, पृ० ४८, व० १९३४ । भूत्ति पूजा मंडन-ले०५० मेहरचन्द, प्र. जैन प्रचारिणी सभा सोनीपत १०८, २०१९०६ मा० देयम । मेरी भावना (नम)--ले० ला० मुन्मूलाल जौहरी, प्र० जैन मित्र मंडन देहली, पृ० ८, २० १९२५ प्रा. प्रबन। मेरी भावना-ले० पं० जुगलकिशोर, मुख्तार प्र० जैन मित्र मंडल देहली, पृ० ११, २० १९३६, मा. शशतुम [छठी] । मोक्ष का रास्ता-ले० मिट्ठनलाल जैन, प्र. दुद देहली, पृ० ४८, २० १९२६ । मोह जाल-के. जोतीप्रशाव जैनी, प्र. जैन मित्र मडन देहली; ५०) 4०.१९२४, मा० अब्बल। योगसार मारूफ व रम्जेम्ज हकीकत-ते. योगीन्द्राचार्य, अनु० मा

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