Book Title: Prakashit Jain Sahitya
Author(s): Pannalal Jain, Jyoti Prasad Jain
Publisher: Jain Mitra Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 306
________________ ( २८४ ) पवित्रताने पथ - ले० मणिलाल नथुभाई दोशी, पृ० १२८, ०१०२०१ बाल बोध जैन धर्म (२ भाग) - मनु० मूल चन्य किवान दास, पृ० २३, ब० १६१५ । बुद्ध ने महावीर - अनु० नरसिंह भाई पटेल, पृ० ५८, ब० १६२५ । भगवान महावीर - ले० प्रज्ञात, पृ० १२, १० १६३४ । भट्टारक मीमाँसा - ले० मूलचन्द किशन दास कापड़िया, पृ० ४५, ० १६११ । भद्रबाहु संहिता -- अनु० भीमसिंह मारणेक, पृ० २२०, ब० ११०३ । C मनोरमा - अनु० मूल चन्द किशन दास, पृ० १०४, व० १९११ । मुनि दिग्दर्शन - ले० प्रज्ञात, पृ० १६, ब० १९१० । मोक्ष शास्त्र ( तत्त्वार्थ सूत्र ) - टी० सेठ राम जी माणेकचन्द दोशी, प्र० न स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट सोनगढ, पृ० ६००; व० १६४७ । राज्य प्रश्न - ले० अज्ञात, पृ० ३८४; व० १६१७ । रूप सुन्दरी- अनु० मूल चन्द किशन दास कापडिया, पृ० ६६, २० १९१४ । वनस्पति पुरातन महत्त्व - ले० छगनलाल परमानन्द; पृ० ३३ । वैराग्य रत्न माला - ले० अज्ञात, पृ० २४ । श्रावका चार (पद्य नन्दि कृत ) -- अनु० मगन बर्हेन, पृ० ४३, ब० १९०७ श्राविका सुबोध - अनु मूलचन्द किशन दास, पृ० १२०, ब० १९१४ । श्रीमद्राजाचंद्र (२ भाग ) - ले० सपा० मनसुख लाल किरत चन्द्र पृ० ०८; १० १९२५ । श्री महावीर जीवन - ले० सुशील, पृ० १२८, व० १९१४ । विस्तार शील रक्षा - अनु० कुँवर मोती लाल रांका, पृ० ४०, ब० १९१६ । शील सुन्दरी रास - ले० शादसा सेवकदास, संपा० मूलचन्द किसनदास पृ० ३६, ० १६११ । ?

Loading...

Page Navigation
1 ... 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347