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अश्विनी
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असंयमित
अश्विनी-(स्त्री०) 1 घोड़ी 2 सूर्यपत्नी 3 एक नक्षत्र असंगी-सं० (वि०) 1जिसका किसी से संबंध न हो 2 किसी अश्विनीकुमार-सं० (पु०) दो भाई जो देवताओं के वैद्य हैं | के साथ न रहनेवाला अश्वेत-सं० (वि.) = असित
असंचय-[ सं०(वि०) असंचयी II (पु०) संचय का अभाव अष्ट-I सं०(पु०) 8 की संख्या II (वि०). आठ। ~कमल असंचयिक, असंचयी-सं० (वि०) 1 जो संचय न करे 2 जो (पु०) हठयोग में मूलाधार से ब्रह्मरंध तक के स्थान; ~कर्ण | संचित न हो (पु०) आठ कानोंवाला, ब्रह्मा; ~कोण (वि०) अठकोना, असंचर-सं० (पु०) जिसमें संचार न हो सकता हो, अगम्य अठपहल; छाप (पु०) गोसाईं बिट्ठलनाथ जी द्वारा | असंत-सं० (वि०) 1 जो संत या साधु न हो 2 जो सजन या स्थापित आठ कवियों का दल; दल (पु०) कमल; | भला न हो, दुष्ट या बुरा ~धाती (वि०) आठ धातुओं से बना हुआ; ~धातु असंतति, असंतान:-सं० (वि०) जिसे संतान या औलाद न हो, (स्त्री०) आठ धातुएँ (सोना, चाँदी, सीसा, ताँबा, राँगा, जस्ता, जिसके बाल-बच्चे न हो लोहा, पारा); ~~पदी (स्त्री०) आठ पंक्तियों का पद; - असंतुलन-सं० (पु०) भार या महत्त्व में असमानता ~फलक (वि०) अठपहल; बाह, ~भुज I (वि०) | असंतुलित-सं० (वि०) भार या महत्त्व में असमान आठ भुजाओं वाला II (पु०) ज्यामिति में आठ भुजाओ असंतुष्ट-सं० (वि०) 1 जो संतुष्ट न हो, अप्रसन्न या रुष्ट वाली एक आकृति; ~भुजा (स्त्री०) दुर्गा; ~वर्ग (पु०) असंतुष्टि-सं० (स्त्री०) असंतोष आठ ओषधियाँ ~अष्टश्रवा (पु०) आठ कानोंवाला, ब्रह्मा; असंतोष-सं० (पु०) । संतोष का अभाव 2 अप्रसन्नता -सिद्धि (स्त्री०) योगादि से मिलनेवाली आठ सिद्धियाँ __3 बेसब्री 4 लोभ। कर (वि०) जिससे संतोष न हो सके; (अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशल जनक (वि०) जिससे लोभ हो; ~प्रद (वि०) संतुष्ट न और वाशित्व)
करनेवाला अष्टक-सं० (पु०) 1 आठ का समूह या योग 2 आठ ऋषियों असंतोषी-सं० (वि०) 1 संतुष्ट न होनेवाला 2 बेसब्र 3 लोभी
का एक गण 3 विश्वामित्र का एक पुत्र 4 अष्टाध्यायी व्या० असंदिग्ध-सं० (वि०) 1 संदेहरहित 2 निश्चित, पक्का अष्टपाद-सं० (पु०) आठ पैरों वाला एक जलजंतु असंधि-[सं० (वि०) 1 जिनका योग न हो (शब्द) 2 अबद्ध अष्टम-सं० (वि०) आठवाँ
II (स्त्री०) संधि का अभाव अष्टमी-सं० (स्त्री०) आठवीं तिथि
असंपन्न-सं० (वि०).1 जो धनवान न हो 2 दरिद्र अष्टांग-I सं०(वि०) जिसके आठ अंग या भाग हों II (पु०) असंपर्क-I सं०(पु०) संबंध लगाव का न होना II (वि०) 1 शरीर के वे आठ अंग जिनसे साष्टांग प्रणाम किया जाता है | संबंधहीन (घुटना, हाथ, पाँव, छाती, सिर, वचन, दृष्टि, बुद्धि) | असंपूर्ण-सं० (वि०) अपूर्ण, असमाप्त, अधूरा 2 योगसाधन के आठ अंग (यम, नियम, प्रणायाम आदि) | असंपृक्त-सं० (वि०) जो किसी के साथ मिला या जुड़ा न हो अष्टावक्र-(पु०) (एक ऋषि) जिसका शरीर आठ जगह से | असंप्रज्ञात-सं० (वि०) जो अच्छी तरह से जाना बूझा न हो टेढ़ा है
असंबंध-I संबपु०) संबंध का अभाव II (वि०) असंबद्ध अष्ठि-सं० (स्त्री) 1 पत्थर या उसका टुकड़ा 2 कठोर खनिज | असंबद्ध-सं० (वि०) 1 संबंधहीन 2बे मेल 3 अलग, बे पदार्थ का ढेला 3 गुठली 4 गरी
लगाव 4 असंगत अष्ठिल-सं० (वि०) 1जो अष्ठि या पत्थर के रूप में हो | असंबाध-सं० (वि०) 1 जो बंधन में न हो 2 विस्तृत 3 अबाघ
2 पत्थर की तरह कठोर 3 जिसमें पत्थर लगे हों 4 पथरीला | असंभव-I सं०(वि०) जो कभी घटित न हो सकता हो अष्ठिला ग्रंथि सं० (स्त्री०) मूत्राशय के समीप होनेवाली गाँठ II (पु०) एक काव्यालंकार अष्ठीला-सं० (स्त्री०) 1 पत्थरी 2 पत्थर की गोली असंभार-सं० (वि०) 1 जो सँभाला न जा सके 2 बहुत बड़ा असंक्राम्य-सं० (वि०) 1जिसे हस्तांतरित न किया जा सके | या भारी 2 जिसे संक्रामक रोग न लग सके
असंभावना-सं० (स्त्री०) जिसकी होने की आशा न हो असंख्य-सं० (वि०) अगणित, बे हिसाब, बेशुमार . । असंभावनीय-सं० (वि०) असंभाव्य । असंख्येय-[ संवि०) अगणित, बे शुमार II (पु०) 1शिव | असंभावित-सं० (वि०) जिसके घटित होने की कल्पना या 2 विष्णु 3 बहुत बड़ी संख्या
__ अनुमान न हो असंग-I सं० (वि०) 1 अनासक्त, निर्लिप्त 2 अकेला | असंभाव्य-सं० (वि०) 1 जो घटित न हो सकता हो 2 जिसके 3 अबाधित II (पु०) 1 अनासक्ति 2 पुरुष, आत्मा | घटित होने की कोई आशा न हो सकती हो (सांख्य)
असंभाष्य-सं० (वि०) 1 जिससे बात करना उचित न हो 2 जो असंगठित-सं० (वि०) जो संगठित न हो
कहे जाने योग्य न हो असंगत-सं० (वि०) 1 बेमेल, असंबद्ध, प्रसंगविरुद्ध | असंभोज्य-सं० (वि०) जिसके साथ बैठकर खाना वर्जित हो 2 अनुचित 3 असमान 4 उजड्ड —
असंयत-सं० (वि.) 1 जिसके विचार संयत न हो 2 जिसमें असंगति-सं० (स्त्री०) 1 मेल का न होना, अनौचित्य | संयम का अभाव हो 2 अर्थालंकार का एक भेद
असंयम-सं० (पु०) संयम का अभाव असंगम-I सं(पु०) 1 अनासकि 2 मेल या संबंध का अभाव | असंयमित-सं० (वि०) जो संयम में न रह सके, जो संयमित न 3 पार्थक्य 4 असामंजस्य II (वि०) अयुक्त, पृथक्