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नवस्मरणादिसाहे वीसिथि दस नपुंसग, पुरिसट्ठसयं नरा नरुव्वद्या । इय भंगे अट्ठसयं, दस दस सेसहभंगेसु ४॥१३॥ तित्थयरी जिण पत्तेअवुद्ध संबुद्ध दुचउ दस चउरो५। चउ दस अडसय गिहि पर
सलिंग ६ परिहार विणु ओहो ॥१४॥ दस परिहारजुए ७ बुद्धिबोहिथी वीस जीव वीसपहू८। चउ मइसुअ महसुअमणनाणे
दस सेसदुगि ओहो ९ ॥१५॥ मज्झ गुरु लहुवगाहण
___ अडसय दुग चउर अट्ट जवमज्झे १०। चुअणंतकालसम्मा,
अडसय चउ अचुअ दस सेसा १११२॥१६॥ अड १०८ दुरहिअ १०२ सय छनुई,
चुलसी दुगसयरि सहि अडयाला। बत्तीस इक दुति चउ,
पण छग सग अड निरंतरिया १२ ॥१७॥ लोअग्ग ठिआ सिद्धा, इह बुंदिचइय पडिहय अलोए ३। फुसइ अणंते सिद्धे, सव्वपएसेहि सो सिद्धो ४ ॥१८॥ जत्थष्ट्ठसयं सिज्झइ, अट्ठ उ समया निरंतरं तत्थ । वीस-दसगेसु चउरो,
दु.सेसि जवमज्झि चत्तारि ५ ॥१९
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