Book Title: Jain Tirth Yatra Vivaran
Author(s): Dahyabhai Shivlal
Publisher: Dahyabhai Shivlal

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Page 20
________________ (१४) सव किये जा सकते है, महसूल भी ऊपर लिखा ही रहता है, केवल मनिआर्डरकी फीस अधिक देनी पड़ती है। ७. सब चीजोंकी रजिष्ट्री उसकी रवानगीके समय हो सकती है, रनिष्टीकी फीस ) है. ८. किसी चीजको उचित रीतिसे पहुंचनेके लिये उसका वीमा हो सकता है ५०) रुपया तककी यदि चीन हो तो पार्सल वगैरहका महसूल देनेके वाद ) और अधिक देना पड़ता है, और १००) तककीका ३) आना है फिर हर ५०) रुपया पर या उसके हिस्से पर ) आनाके हिसावसे बढ़ता जाता है, अनरजिष्टर्डका वीमा नहीं हो सकता है। १०. मनीआर्डर--डॉक द्वारा मनीआर्डर भेजनेमें ५) रुपये 'पर ). १०) रुपयेपर २). १५) रुपयेपर ३). २५) रुपयेपर 1) तथा हर पच्चीस रुपयेपर ।) वढ़ते चले जाते है । मनीआर्डरसे ___ एक फार्मपर ६००) रुपया तक जा सकता है। ११. चिट्ठी तार और मनीआर्डरके भेजनेवालोंको चाहिये कि वे पानेवालेका पता व डांकघर स्पष्ट लिखें ताकि पहुँचनेमें विलम्ब न हो, तार भेजनेके नियम । १.तार दो तरहसे भेजा जाता है। (क) एक्स प्रेस-इसमें १२ शब्द पता समेत जाते है १) रुप__ या लगता है, तथा प्रति शब्द दो आना अधिक लगता है।

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