Book Title: Jain Tirth Yatra Vivaran
Author(s): Dahyabhai Shivlal
Publisher: Dahyabhai Shivlal

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Page 18
________________ (१२) ७. यात्रीको नीचे लिखे हुए लगेजसे अधिकका किराया देना प्पड़ता है। पहले दर्नेमें १॥ मन दूसरे दर्नेमें ३० सेर इंटरक्लास और थर्डक्लासमें १५ सेर तक बिना किराया दिये ले जा सकता है. ८. जिस यात्रीको, लम्बी यात्रा करना हो उसे थोड़ी थोड़ी दूरकी टिकट लेनेके वदले अधिक दूरकी टिकिट लेनेमें लाभ है । क्यों कि पहले सवा तीनसौ मीलका किराया ज्यादा लगता है फिर हर मौलपर आधा पाई किराया कम लगता है प्रत्येक रेलवेका इस विषयमें अलग २ कायदा है। __९. सौ मीलसे अधिक दूर जाने वाला यात्री सौमील जाकर उतरकर २४ घंटा तक विश्रामकर सकता है.और फिर उसी टिकटसे आगेके लिये बैठ सकता है । जैसे देहलीसे बम्बई ८६५ मीलकी दूरीपर है यदि यात्री वीचमें बडौदा, सूरत अहमदावाद ठहरना चाहे तो दिल्लीसे बम्बई तककी एक टिकिट लेकर ठहर सकता है और इससे विरुद्ध थोड़ी दूरकी टिकट लेनेसे अधिक किराया देना पडता है। १० जो लोग सारी गाडीको रिजर्व कराना चाहें उन्हें स्टेशन मास्टरको २४ या ४८ घंटे पहले सूचना देना चाहिये। ११ यदि किसी यात्रीसे रेलवे कर्मचारी (नौकर) अनुचित व्यवहार करें तो उस लाइन के ट्राफिक सुप्रि० के नाम उसकी रिपोर्ट करनी चाहिये।

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