Book Title: Jain Tirth Yatra Vivaran
Author(s): Dahyabhai Shivlal
Publisher: Dahyabhai Shivlal

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Page 64
________________ (५४) स्टेशनके पास धर्मशाला है. एक छोटी धर्मशाला शहरमें मंदिरके रास्ते भी है. __ अलाहावाद-स्टेशनके पास धर्मशाला है. यहां जैन अजैन सब लोग ठहरते है. शहरमें भी पंचायती मंदिरमें ठहरनेको भी छोटी धर्मशाला है. यहां तीन मंदिर है. एक वोर्डिंगहाउस कर्नल गंजमें वा० सुमेरचंदकी धर्म पत्नीका स्थापित किया हुआ भी है. देखने योग्य स्थान-किला-यमुना गंगाका संगम-पबलिक पार्क वगैरह। श्री सम्मेद शिखरजीसे भारतवर्षके बड़े बड़े " शहरोंतक जानेकेलिये रेल किरायेकी सूची. नोट-१. श्री सम्मेद शिखरजी इस्टईन्डिआ रलेवेकी गिरीडी स्टेशनसे १८ मील ईसरी स्टेशनसे १४ मील दूर पड़ता है. पक्की सड़कका रस्ता है. दोनो स्टेशनपर गाड़ी मिलती है. मगर जबसे ईसरी स्टेशन खला है तवसे प्रायः गिरीडीका रास्ता बंद हो गया है. अब तो ईसरीमें स्टेशनपर दिगंबरी कोठीकी तरफसे धर्मशालाका कुआ बनकर तैयार हो गया है। २. ईस्ट इन्डिया रेलवेसे दूसरी दूसरी रेलवेलाईनोंके स्टेशनोंका जो भाड़ा लगता है. वह भी जहांतक मिला है इस सूचीमें लिखा गया है । ३ ईसरीको गिरीडीसे ईस्ट इन्डिया रेलवेके जंकशनोंका माडा लिया है. जिन भाईयोंको जिस जंकशन द्वारा जाना हो वह उस

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