Book Title: Jain Tirth Yatra Vivaran
Author(s): Dahyabhai Shivlal
Publisher: Dahyabhai Shivlal

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Page 44
________________ (३८)' (सम्मेदशिखर माहात्म्यादि यंत्र ) ट्रंकोंक तीर्थंकरोंके कितने मुनि दर्शन करनेका नाम. नाम. मोक्ष गये. ___ फल. नंबर. - सिद्धवर- अजित । एक अरव अस्सी कूट । नाथ कोड चौवन लाख बत्तीसकोटिप्रोषध व्रत करनेसे फल प्राप्त होता है सो एकहीवार नव कोडा कोड़ि वहत्तर बियालीस लाख संभव २ | धवलदत्त ट्रंकका दर्शन करनेसे लाख वियालीस हजार | प्रोषधोपवासका सातसो फल होता है नाथ आनंद अभिनंद-सत्तर कोड़ा कोड़ी सत्तर कोडिसत्तर लाख विद्या. एक लक्ष प्रोषधोलीस हजार नवसो नवाण पवासका फल ननाथ । ४ / अविचल सुमति एक कोड़ा कोड़ी चोरासी कोड़, बहत्तर लाख, इक्यासी हजार सातसो एक कोड़ि प्रोषधोप वासका फल नाथ निन्यानवे कोडि, सत्यासी । मोहन । पद्मप्रभु | लाख, तियालीस हजार __सातसोसत्तावीस एक कोड़ि पोषधोप पासका फल प्रभास उनचास कोड़ा कोड़ि सुपार्थ | चोरासी क्रोड, बहत्तर | बत्तीस कोड़ि प्रोषधो नाथ लाख सातहजार सात पवासका फल सो बियालिस

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