Book Title: Bangal Ka Aadi Dharm Author(s): Prabodhchandra Sen, Hiralal Duggad Publisher: Vallabhsuri Smarak Nidhi View full book textPage 7
________________ ( घ ) का परिचय दें | तथा पंजाबदेश के कांगड़ा - किले में जो प्राचीन जैन मन्दिर कांगड़ा के जैन राजाओं ने निर्माण किया था इस समय भग्नावस्था में पड़ा है और सरकार के कब्जे में है । सोमनाथ महादेव तथा सारनाथ- गया के मन्दिरों के समान भारत सरकार को निजी कोष से जीर्णोद्धार करा कर भारत के जैना की प्रतिनिधि संस्था आनंदजी कल्याणजी की पेढ़ी को सौंपने की उदारता भी अवश्य करनी चाहिये । इससे अधिक हैरानी की बात तो यह है कि जैनसमाज का लक्ष्य भी इस ओर नहीं के बराबर है । अतः जैनसमाज की ऐसी लापरवाही भी कोई कम खटकने की बात नहीं है । मेरी तो यह इच्छा है कि भारत के प्रत्येक प्रांत के जैनधर्म के प्राचीन इतिहास सबंधी शाधखोज के लिये इतिहासज्ञ विद्वानों को शीघ्रातिशीघ्र प्रयास करना चाहिये और भारतीय सरकार को इसके लिये पूरी-पूरी सहायता करनी चाहिये । इस से न मात्र जैनधर्म का वास्तविक प्राचीन इतिहास ही प्रकाश में आयेगा परन्तु भारतवर्ष के प्राचीन इतिहास में जो खामियां हैं उनमें भी संशोधन होकर भारतीय इतिहास अधिक प्रमाणिक बनेगा और समृद्ध बनेगा । जिस से भारतवर्ष के गौरव में अभिवृद्धि होगी । अम्बाला नगर २७-६-५८ } हीरालाल दूगड़Page Navigation
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