Book Title: Vyakhyapragnapti Sutra Part 04
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: 

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Page 205
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandir बास्या 4 गौतम ! सात पृथिवीओ कही है, ते आ प्रमाणे-प्रथमा, द्वितीया यावत्-सप्तमी. [म.] हे भगवन् ! प्रथम पृथिवी कया नामवाळी // 8 अने कया गोत्रवाळी कही छे / [उ०] हे गौतम ! प्रथम पृथिवी नाम 'धम्मा छे अने गोत्र रत्नप्रभा २-ए प्रमाणे 'जीवाभिगम' ६१वतके सूत्रमा प्रथम नैरयिक उद्देशक कयो छे ते बधो यावद्-अल्पबहुत्व सूधी अहिं कद्देवो. हे भगवन् ! ते ए प्रमाणे हे, हे भगवन् ! ते उद्देशा ॥२०१०॥ाए प्रमाणे हे.॥४४४ // 8 // 1040 // भगवत् सुधर्मस्वामीप्रणीत भीमद् भगवतीस्त्रना 12 मा शतकमां त्रीजा उद्देशानो मूलार्थ संपूर्ण थयो. उद्देशक 8. रायगिहे जाव एवं वयासी-दोभंते! परमाणुपोग्गला एगयओ साहनंति एगयओ साहण्णित्ता किं भवति?, गोयमा! दुप्पएसिए खंधे भवइ, से भिजमाणे दुहा कन्जर एगयओ परमाणुपोग्गले पगयओ परमाणुपोग्गले भवइ / तिन्नि भंते! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति 2 किं भवति', गोयमा! तिपएसिए खंधे भवति, से | भिजमाणे दुहावि तिहावि कजइ, दुहा कत्रमाणे एगपओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, तिहार कब्जमाणे तिणि परमाणुपोग्गला भवंति / चत्तारि भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति जाव पुच्छा, गोयमा ! चउपएसिए खंधे भवइ, से भिन्नमाणे दुहावि तिहावि चउहावि कजर, दुहा कब्रमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, अहवा दो दुपएसिया खंधा भवति, तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुप्पएसिए खंधे भवइ, चउहा कजमाणे चत्तारि परमाणुपोग्गला भवंति / SEARCREASEACHECKROO For Private and Personal Use Only

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