Book Title: Vyakhyapragnapti Sutra Part 04
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: 

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Page 217
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir |वस परमाणुपोग्गला भवति / [प्र०] हे भगवान ! दस परमाणुजो संबन्धे प्रश्न. [30] (नेनो एक दसप्रदेशिक स्कंध थाय छे. अने जो तेना विभाग कर-13 भावामां आवे तो बेत्रण, चार, पांच. छ. सात, आठ, नव अने दश विभाग थाय छे.) यावत् वे भाग करवामां आवे तो एकतरफामा अवाप्तिः ॥१.५शा एक परमाणु अने एक तरफ नव प्रदेशनो एक स्कंध याय छे. अथवा एक तरफ द्विप्रदेशिक स्कंध अने एक तरफ अष्टप्रदेशिक एक IPTION Xo स्कंध होय छे. पप्रमाणे एक पकनो संचार करतो यावत-अथवा वे पंचप्रदेशिक किंधो थाय छे. ओ तेना प्रण विभाग करवामां 18 आवे तो एक तरफ बे परमाणुपुद्गलो अन एक तरफ एक आठ प्रदेशनो स्कंध होय छे. अथवा एक तरफ परमाणुपुद्गल, एक तरफ द्विप्रदेशिक स्कंध, अने एक तरफ सप्तप्रदेशिक स्कंध होय छे. अथवा एक तरफ परमाणुपद्रल, एक तरफ त्रिप्रदेशिक स्कंध अने एक छ प्रदेशिक स्कंध होय छे. अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल, एक तरफ एक चतुष्पदेशिक स्कंध अने एक तरफ पंचप्रदेशिक स्कंध होय छे. अथवा एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कन्ध, एक तरफ त्रिप्रदेशिक स्कंध अने एक तरफ पंचप्रदेशिक स्कंध होय छे. अथवा एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ वे चतुष्प्रदेशिक स्कंधो होय छे. अथवा एक तरफ बे त्रिप्रदेशिक स्कंधो अने एक तरफ एक चतुष्प्रदेशिक स्कंध होय छे. तेना चार विभाग करवामां आवे तो एक तरफ त्रण परमाणुपुद्गलो, अने एक तरफ | सप्तप्रदेशिक स्कंध होय छे. अथवा एक तरफ वे परमाणुपुद्रलो, एक तरफ द्विप्रदेशिक स्कट अने एक तरफ छप्रदेशिक स्कंध होय छे. अथवा एक तरफ वे परमाणुपुद्गलो, एक तरफ एक त्रिप्रदेशिक स्कंध अने एक पंचप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. अथवा एक तरफ बे परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ वे चतुष्पदेशिक स्कन्धो होय छ. अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल, एक तरफ द्विप्रदेशिक % + का For Private and Personal Use Only

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