Book Title: Vyakhyapragnapti Sutra Part 04
Author(s): Sudharmaswami,
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www kabarth.org Acharya Shri Kalassagarsun Gyarmandie अतिः // 10 // 5 // केवतिया पुरेक्वहा?, नत्यि एकोवि, एगमेमस्स णं भंते ! नेरइयस्स असुरकुमारत्ते केवतिया ओरालियपोग्गलपरिया एवं घेव एवं जाव थणियकुमारत्ते जहा असुरकुमारत्ते। एगमेगस्स णं भंते ! नेरड्यस्स81१२शतके पुरविकाइयत्ते केवतिया ओरालियपोग्गलपरियट्टा अतीता?, अणंता, केवतिया पुरेवडा?, कस्सह अस्थि कस्सह दाउरे नस्थि जस्माथि नस्स जहन्नेणं एको वा दो चा तिन्नि वा उक्कोसेण संखेना या अमखेजा वा अणता वा एवं जाव // 1.15 // मणुस्सत्ते, वाणमंतग्जोइसियवेमाणियत्ते जहा असुरकुमारत्ते। गमेगस्म णं भंते! असुरकुमारस्म नेरइयत्ते केवतिया अतीया ओरालियपोग्गलपरिया एवं जहा नेरइयस्म बत्तब्वया भणिया तहा असुरकुमारस्सवि भाणियचा जाव घेमाणिक, एवं जाव धणियकुमारस्स, एवं पुदविकाइस्मवि, गचं जाव वेमाणियस्स, मवेमि एको गमो / पगमंगम्स णं भंते / नेयम्स नेर० केवबेउ०पोग्गलपरियहा अतीया?, अणना, केवतिया पुरेक्खडा?, पकोत्तरिया जाब अणंता, एवं जाव थणियकुमारत्ते, पुढवीकाइयत्त पुच्छा, नथि एकोवि, केवतिया पुरेक्खडा, नत्थि एकोवि, एवं जत्थ वेरब्वियमरीरं अस्थि तत्व गगुत्तरिओजन्य नत्थि तस्थ जहा पुढविकाइयत्तेतहा भाणियवं, जाव वेमाणियस्म बेमाणियत्ते। तेयापोग्गलपरियहा कम्मापोग्गलपरियट्टा य सब्वस्थ एकोसरिया भाणियचा, मण पोग्गलपरियहा सब्वेसु पंचिंदिसु एगोत्तरिया, विगलिदिएसुनस्थि, बइपोग्गलपरियहा एवं चेव, नवरं पगिदिएम नस्थि भाणियबा / आणापाणुपोग्गलपरिया सब्वस्थ एकोत्तरिया जाव वेमाणियस्स बेमाणियत्ते। 1 [प्र०] हे भगवन् ! एक एक नैरयिकने नैगयिकपणामां केटला औदारिकपुद्गलपरिवर्तो अतीत-थया छे उ०] तेओने रखकर For Private and Personal Use Only

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