Book Title: Tattvartha Sutra Jainagam Samanvay Author(s): Atmaram Maharaj, Chandrashekhar Shastri Publisher: Lala Shadiram Gokulchand Jouhari View full book textPage 4
________________ [ २ ] की आमदनी थी, आपने अपनी बुद्धिमानी से भामदनी बढ़ाकर करीब १२००) महीना की करदी तथा देहली में बहुत विशाल स्थानक बनवाया इस स्थानक के लिये नापने किसी से भी चन्दा नहीं लिया। अब तक इस स्थानक में दो लाख रुपये लग चुके हैं, अभी मकान बन रहा है। धार्मिक प्रम के साथ ही साथ आपका विद्यादान की तरफ विशेष लक्ष्य रहता है आपने सन् १९२० में महावीर जैन मिडिल स्कूल स्थापित किया। जो सन् १९२८ में हाई स्कूल हो गया । जिसका मासिक खर्च १२००) है । इस प्रकार आपके प्रयत्नों से महावीर जैन लाइब्ररी, महावीर जैन कन्या पाठशाला, महावीर जैन विद्यालय आदि सार्वजनिक संस्थायें स्थापित हुई। जिनसे देहली की जनता बहुत लाभ उठा रही है। ... आपने सोनीपत में वहां के स्थानकवासी भाईयों के लिये ११५००) २० में एक मकान खरीद कर स्थानक स्थापित किया। महावीर जैन लाइब्ररी (महावीर भवन ) चांदनी चौक में सन् १९२४ में स्थापित की गई, पुस्तकालय में करीब ५००० पुस्तकें और हस्त लिखित ग्रन्थ हैं। ४०० वर्ष पहिले के हस्त लिखित शास्त्र हैं, और १०० साल तक के छापे के ग्रन्थ हैं । पुस्तकालय के व्यवस्थापक सर्व श्रीमान् लाला गोकलचन्द जी साहब की हार्दिक शुभ कामनाओं से इस १० वर्ष में बहुत उन्नति की है और आशा है कि आगामी को भी ऐसी ही उन्नति होती रहेगी।Page Navigation
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