Book Title: Samvayang Sutram
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust
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[सू० १५८ चक्रवर्तिपितृ-मातृ-चक्रवर्तिनामानि वासुदेव-बलदेववर्णनम् । होत्था, तंजहामियावती उमा चेव, पुढवी सीया य अम्मया । लच्छिमती सेसमती, केकई देवई इ य ॥१२६।। जंबुद्दीवे णं दीवे भरहे वासे इमाए ओसप्पिणीए णव बलदेवमायरो होत्था, तंजहा
भद्दा सुभद्दा य सुप्पभा सुदंसणा विजया य वेजयंती । जयंती अपरातिया णवमिया य रोहिणी बलदेवाणं मातरो ॥१२७।। [टी०] तथा-भरहो सगरो मघवं सणंकुमारो य रायसदूलो ।
संती कुंथू य अरो हवइ सुभूमो य कोरव्वो ।। नवमो य महापउमो हरिसेणो चेव रायसद्लो ।
जयनामो य नरवई बारसमो बंभदत्तो य ॥ [आव० नि० ३७४-३७५] तथा- पयावती य बंभो सोमो रुद्दो सिवो महसिवो य ।
___ अग्गिसिहा य दसरहो नवमो भणिओ य वसुदेवो । [आव० नि० ४११] त्ति। [सू० १५८] [२] जंबुद्दीवे णं दीवे भरहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए नव दसारमंडला होत्था, तंजहा- उत्तमपुरिसा मज्झिमपुरिसा पहाणपुरिसा ओयंसी 15 तेयंसी वच्चंसी जसंसी छायंसी कंता सोमा सुभगा पियदंसणा सुरूवा सुहसील-सुहाभिगम-सव्वजणणयणकंता ओहबला अतिबला महाबला अणिहता अपरातिया सत्तुमद्दणा रिपुसहस्समाणमधणा साणुक्कोसा अमच्छरा अचवला अचंडा मितमंजुपलावहसित-गंभीर-मधुरपडिपुण्णसच्चवयणा अब्भुवगयवच्छला सरण्णा लक्खणवंजणगुणोववेता माणुम्माणपमाण- 20 पडिपुण्णसुजातसव्वंगसुंदरंगा ससिसोमागारकंतपियदसणा अमसणा पयंडदंडप्पयारगंभीरदरिसणिजा तालद्धयोव्विद्धगरुलकेऊ महाधणुविकड्ढया महासत्तसागरा दुद्धरा धणुद्धरा धीरपुरिसा जुद्धकित्तिपुरिसा विपुलकुलसमुब्भवा महारयणविहाडगा अद्धभरहसामी सोमा रायकुलवंसतिलया अजिया अजितरहा १. इतः परं त्रीणि पत्राणि ख० मध्ये न सन्ति ।।

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