Book Title: Acharanga Sutram
Author(s): Saubhagyamal Maharaj, Basantilal Nalvaya,
Publisher: Jain Sahitya Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir समर्पया शास्त्रविशारद पं. प्रवर मुनिश्री किशनलालजी म. की पवित्र सेवा में पूज्य गुरुदेव ! थापने मुझे बचपन से ही अपने चरण-कमलों में आश्रय दिया और अपने असीम अनुग्रह से मुझे साहित्य और समाज की यत्किञ्चित सेवा बजा सकने का सामर्थ्य प्रदान किया | आपके उपकारों से में उऋण नहीं हो सकता हूँ। तदपि "पत्रं पुष्पं फलं तोयं " की उक्ति के अनुसार यह प्रकिशन गुरुदक्षिणा श्रद्धापूर्वक आपके कर कमलों में सादर समर्पित करता हूँ । - " सौभाग्य मुनि ” For Private And Personal

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 670