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(६६ ) मानांगा पुजांगा परथम तो आगे सुंइ आपणे गढ कोट में नीम दे जद पेलां श्री रीखवदेवजीरा देवरारी नीमदेवाडे है पुजा करे है अबे अजूं ही मानांगा............... ................ ........... ....धरम मुरजाद में जीव राखणो या मुरजाद लोपेगा जणीने............की आण है और फेल करेगा जणीने तलाक है । सं. १४२१ काती सुदी ५
नम्बर (२) महाराणा श्रीराजसिंहजी को हुक्म हे. मेवाडरा दस शेष ( गामरा ) सरदारां परधाना पटेल पटवार्यो पाप आपरा दरजा मुजब वांचज्यो, कदीम जमाना सुं जैनीलोगारां मंदिर व इमारतें गरां को अखत्यार हे ई वास्ते कोइ वणारी हदों में मारवा तावे जानवरांने ले जावे नही यो यारो पुराणो हक है । कोइ जीव मनुष्य तथा पशु मारया जावा की गरज सुं वारे रेवास के पास वेकर निकले वो अपरयो हे राजरा हरामखोर तथा लुटेरा तथा बदमास जी केद सुं भाग्या होने और वीभाग कर यतियांरा उपासरा महें सरणो लेवे तो वाने राजरा नोकर वठे पकडेगा नही यो हुक्म वांचने......यतियांने कोई सतावे नही परंतु यारां हकुक कायम राखे जो याने तोडेगा वीने राम पुगेगा .................
नम्बर (३) स्वस्ति श्रीपाटनगर महाशुभस्थाने सरब अोपमा लायक
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