Book Title: Kesariyaji Tirth Ka Itihas
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Sadgun Prasarak Mitra Mandal

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Page 114
________________ ( ७९ ) से करने बाबत आज्ञा मिल चुकी थी। अतः सपरिवार यहां ज्यादे तायदाद में लोग जमा हो गये थे। इसी कारण तीर्थ केसरियाजी में ज्यादे मनुष्य श्वेताम्बर समाज के नही पहुंच सके। ___ इस प्रकार की इस आपचि के समय दैवस्थान हाकिम साहब श्रीदेवीलालजी व डिस्ट्रक्ट माजिष्ट्रेट साहब श्रीलक्ष्मनसिंहजी भी मौजूद थे और आपने बहुत चतुराई के साथ मामले को शान्त किया । और इस सारी कथा की रिपोर्ट महक्मे वाला में पेश की तो श्रीमान् हिन्दूकूलसूर्य महाराणाधिराज फतेहसिंहजीने मामले की जांच करने के लिये पहले दरजे के माजिष्ट्रेट साहब डालचन्दजी व पुलिस सुपरिन्टेन्डेन्ट और आसिस्टेन्ट सर्जन को घटनास्थल पर भेजे और पूरे तौर जाँच कराई गई। __इस तूफान के बाद चतुर्थी व पञ्चमी को किसी तरह की कोई बात पैदा नहीं हुई और ध्वजदण्डारोहण शांति से श्वेताम्बर समाज की ओर से चढाया गया, लेकिन निज के हठवाद के कारण प्राण आहुती देनेवालों का खेद तो दोनों समाज को असह्य है। हम उन की आत्मा को अंत:करण से शांति चाहते हैं । इस तरह की आपत्तियां इस तीर्थपर आती रही हैं लेकिन यहां के अधिष्ठायक रक्षक देवने सब की रक्षा की और आयन्दा भी करते रहें एसी प्रार्थना है ।

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