Book Title: Chandrayash Charitram Author(s): Vardhamansuri Publisher: Shravak Hiralal Hansraj View full book textPage 5
________________ Acharya Sh Kailasagers Gym सान्वय मापान्तर चंद्रयशः ॥ जिनाय नमः ॥ चरित्रं ॥ श्रीचारित्रविजय गुरुभ्यो नमः ।। (सान्वयं गूर्जरभाषांतरसहितं च) ॥ अथ श्री चंद्रयशः चरित्रं प्रारभ्यते ॥ (मूसकर्ता-श्रीवर्धमानसरिः) अन्वय तथा भाषांतर करनार-पंडित श्रावक हीरालाल हंसराज (जामनगरवाळा) श्रीसूर्यपुरमित्यस्ति पुरं यत्रास्तिको जनः । धत्ते धर्मनृपक्रीडाकल्पद्रुमवनश्रियम् ॥१॥ अन्वयः-श्रीसूर्यपुरं इति पुरं अस्ति, यत्र आस्तिकः जनः धर्म नृप क्रीडा कल्पद्रुम वन श्रियं धते ॥ १ ॥ अर्थ:-श्रीसूर्यपुर एवा (नामर्नु) नगर , के जेमा (रहेला) आस्तिक लोको धर्मरूपी राजाने क्रीडा करवाना कल्पवृक्षोना बन 18| सरखी लक्ष्मीने धारण करे . ॥१॥ For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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