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साथ हवा के गा गए।
और तब तुम्हें पता चलेगा कि जैसे खुल गई कोई खिड़की । और जिसे तुमने समझा था सिर्फ एक विचार, वह विचार न था; वह ध्यान बन गया । और जिसे तुमने समझा था सिर्फ एक सिद्धांत, एक शास्त्र, वह सिद्धांत न था, शास्त्र न था; वह सत्य बन गया ।
मैंने उठ कर खोल दिया वातायन
और दुबारा चौं
वह सन्नाटा नहीं
झरोखे के बाहर ईश्वर गाता था ।
तो थोड़े उठो । थोड़े जागो। थोड़े सधो । और छोड़ो अपनी क्षुद्र चिंताएं; उनका हिसाब-किताब मत बिठाओ मेरे पास। तुम मुझे पीयो। तुम मेरे पास ऐसे रहो जैसे कोई फूल के पास रहता है।
तुम इसमें से कुछ उपयोग की बातें निकालने की चिंता न करो, क्योंकि उपयोगिता से ईश्वर का कोई संबंध नहीं है। ईश्वर से ज्यादा अनुपयोगी और कोई वस्तु जगत में नहीं है। क्या संबंध है ईश्वर का उपयोगिता से ? बाजार में बेच न सकोगे। क्या उपयोग है ईश्वर का ? किसी काम न आएगा। अर्थहीन, प्रयोजन - शून्य !
मैं
जो कह रहा हूं, तुमने अगर उसे उपयोगिता की दृष्टि से सुना तो तुम चूक जाओगे । शिक्षक नहीं हूं। मैं तुम्हें कोई उपयोगी बातें नहीं सिखा रहा हूं जो तुम्हारी जिंदगी में काम आएंगी। मैं तुम्हें कुछ दर्शन कराना चाहता हूं, जिसका कोई उपयोग नहीं है सिवाए इसके कि तुम सच्चिदानंद से भर जाओगे; सिवाए इसके कि तुम आनंद-मग्न हो जाओगे, मदमस्त हो जाओगे। यह तो मस्ती की एक हवा यहां मैं फैलाता हूं। मगर तुम पर निर्भर है। तुम रास्ते पर पटे पत्थर की तरह पड़े रह सकते हो- हवा आएगी, चली जाएगी; तुम अछूते रह जाओगे। तुम्हारे कानों में भनक भी न पड़ेगी। या राह के किनारे छोटे-छोटे पौधों की तरह तुम रह जा सकते हो। उनके शिखर ही इतने ऊंचे नहीं कि आकाश की हवाएं उन्हें छू सकें। तो एक ओस की बूंद भी न ढरकेगी। एक आंसू भी न बहेगा। तुम्हें पता भी न चलेगा कि हवा आई और चली गई।
बुद्ध आए, कितनों को पता चला? थोड़े-से चीड़ जैसे उठे वृक्ष अपने में खोए-से, आकाश में खड़े से, उत्तुंग उनके शिखर पर बुद्ध की हवा छुई। कृष्ण आए, किसने सुना? कृष्ण की बांसुरी सभी तक तो नहीं पहुंची। अष्टावक्र ने कहा, कोई जनक ने सुना । कोई चीड़ जैसे वृक्ष ! उठो थोड़े ऊंचे !
और मुझे ऐसे सुनो जिसमें प्रयोजन का कोई भाव न हो। जो मुझे प्रयोजन से सुनेगा, वह चूकेगा । जो मुझे निष्प्रयोजन, आनंद से सुनेगा - स्वांतः सुखाय तुलसी रघुनाथ गाथा - वही पा लेगा । उसके जीवन में धीरे-धीरे क्रांति घटनी शुरू हो जाती है।
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अष्टावक्र: महागीता भाग-1