Book Title: Nayadhammakahao
Author(s): Jinshasan Aradhana Trust
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust
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188
नायाधम्मक हाओ
[XVI. -199
विउलं अत्थसंपयाणं दलयइ तिकट्टु घोसणं घोसावेह २ एयमाणत्तिय पञ्चपिण । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव पञ्चप्पियंति । तए णं से पंडूराया दोवईए देवीए कत्थइ सुई वा जाव अलभमाणे कोंतीं देवीं सहावेइ २ एवं वयासी- गच्छद्द णं तुमं देवाणुप्पिया ! बारवई नयारिं कण्हस्स वासुदेवरस एयमहं निवेदेहि । कण्हे णं परं वासुदेवे दोवईए मग्गणगवेसणं करेजा | अन्ना न नज्जइ दोवईए देवीए सुई वा खुई वा पवत्तिं वा उवलभेजा। तर णं सा कोंती देवी पंडुणा एवं वृत्ता समाणी जाव पडिमुणेइ २ व्हाया कथबलिकम्मा हत्थिखंधवरगया इत्थिणपुरं नयरं मज्झमज्झेणं निग्गच्छइ २ कुरुजणवयं मज्यंमज्झेणं जेणेव सुरट्ठाजणवए जेणेव बारवई नयरी जेणेव अग्गुज्जाणे तेणेव उवागच्छइ २ हत्थिखंधाओ पश्चोरुहइ २ कोडुंबियपुरसे सहावेइ २ एवं वयासी- गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्रिया ! जेणेवं बारवई नयरिं अणुपविसह २ कण्हं वासुदेवं करयल० एवं वयहएवं खलु सामी ! तुब्भं पिउच्छा कोंती देवी हत्थिणाउराओ नयराओ इहं हव्वमागया तुब्भं दंसणं कखइ । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाब कति । तए णं कण्हे वासुदेवे कोटुंबिय पुरिसाणं अंतिए एयमहं सोचा निसम्म हट्ठतुट्ठे हत्थिखंधवरगए हयगय ० बारवईए नयरीए मज्झमज्झेणं जेणेव कोंती देवी तेणेव उवागच्छइ २ हत्थिखंधाओ पञ्चरुह २ कोंती देवी पायग्ग्रहणं करेइ २ कोंतीए देवीए सद्धिं हत्थिखंधं दुरूहइ २ बारवई नयरीं मज्झमज्झेणं जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ सयं हिं अणुष्पविसइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे कोंतिं देविं हायं कयबलिकम्मं जिमियभुत्तत्तरागयं जाव सुहासणवरगयं एवं वयासी - संदिसउ णं पिउच्छा ! किमागमणपओयणं । तए णं सा कोंती देवी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी – एवं खलु पुत्ता ! हत्थिणाउरे नयरे जुहिद्विल्लस्स रन्नो आगासतलए सुहप्पसुत्तस्स पासाओ दोवई देवी न नज केणइ अवहिया जाव अवक्खित्ता वा । तं इच्छामि णं पुत्ता ! दोवईए देवीए मग्गणगवेसणं कैयं । तए णं से कण्हे वासुदेवे कोंती पिउच्छि एवं बयासी – जं नवरं पिउच्छा दोवईए देवीए कत्थइ सुइं वा जाब
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