Book Title: Jain Tattva Darshan Part 01
Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai
Publisher: Vardhaman Jain Mandal Chennai

View full book text
Previous | Next

Page 7
________________ इस पुस्तक के मुद्रक जगावत प्रिन्टर्स धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने समय पर पुस्तकों को प्रकाशित करने में सहयोग दिया। इस पुस्तक को नौ विभागों में तैयार करने में विविध पुस्तकों का आधार लिया है, एवं नामी-अनामी । चित्रकारों के चित्र लिये गये है। अत: उन पुस्तकों के लेखक, संपादक, प्रकाशकों के हम सदा ऋणी रहेंगे... इस पुस्तक में कोई भूल-त्रुटि हो तो सुज्ञ वाचकगण सुधार लेंवे । इस पुस्तक के भेजिये आपके लाल को, सच्चे जैन हम बनायेंगे। दुनिया पूजेगी उनको, इतना महान बनायेंगे।। जिनशासन सेवानुरागी श्री वर्धमान जैन मंडल साहुकारपेट, चेन्नई-79. 2) 3) पुस्तक में प्रकाशित विषय निम्न पुस्तकों में से लिए गये है : :: उपयुक्त ग्रंथ की सूची :: 1) धर्मबिंदु 2) योगबिंदु 3) जीव विचार 4) नवतत्त्व 5) लघुसंग्रहणी 6) चैत्यवंदन भाष्य 7) गुरुवंदन भाष्य 8) श्राद्धविधि प्रकरण 9) प्रथम कर्मग्रंथ :: उपयुक्त पुस्तक की सची:: 1) गृहस्थ धर्म पू. आचार्य श्रीमद् विजय केसरसूरीश्वरजी म.सा. बाल पोथी पू. आचार्य श्रीमद् विजय भुवनभानूसूरीश्वरजी म.सा. तत्त्वज्ञान प्रवेशिका पू. आचार्य श्रीमद् विजय कलापूर्णसूरीश्वरजी म.सा. 4) बच्चों की सुवास पू. आचार्य श्रीमद् विजय भद्रगुप्तसूरीश्वरजी म.सा. 15) कहीं मुरझा न जाए पू. आचार्य श्रीमद् विजय गुणरत्नसूरीश्वरजी म.सा. 6) रात्रि भोजन महापाप पू. आचार्य श्रीमद् विजय राजयशसूरीश्वरजी म.सा. 7) पाप की मजा-नरक की सजा पू. आचार्य श्रीमद् विजय रत्नाकरसूरीश्वरजी म.सा. 8) चलो जिनालय चले पू. आचार्य श्रीमद् विजय हेमरत्नसूरीश्वरजी म.सा. 9) रीसर्च ऑफ डाईनिंग टेबल पू. आचार्य श्रीमद् विजय हेमरत्नसूरीश्वरजी म.सा. 10) जैन तत्त्वज्ञान चित्रावली प्रकाश पू. आचार्य श्रीमद् विजय जयसुंदरसूरीश्वरजी म.सा. 11) अपनी सची भूगोल पू. पंन्यास श्री अभयसागरजी म.सा. 12) सूत्रोना रहस्यो पू. पंन्यास श्री मेघदर्शन विजयजी म.सा. 13) गुड बॉय पू. पंन्यास श्री वैराग्यरत्न विजयजी म.सा. 14) हेम संस्कार सौरभ पू. पंन्यास श्री उदयप्रभविजयजी म.सा. 15) आवश्यक क्रिया साधना पू. मुनिराज श्री रम्यदर्शन विजयजी म.सा. 16) गुरू राजेन्द्र विद्या संस्कार वाटिका पू. साध्वीजी श्री मणिप्रभाश्रीजी म.सा. 17) पच्चीस बोल पू. महाश्रमणी श्री विजयश्री आर्या

Loading...

Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56