Book Title: Jain Tattva Darshan Part 01
Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai
Publisher: Vardhaman Jain Mandal Chennai

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Page 30
________________ (14) जैन भूगोल * अपनी दुनियाँ * अपनी दुनिया का नाम चौदह राजलोक है दुनिया से बाहर सब अलोक है, दुनिया में क्या क्या है ? मुनष्य है, पशु है, पक्षी है, देव है, नारक है दुनियाँ 3 विभागो में बटी हुई है 1. उर्ध्वलोक (ऊपर काभाग) 2. मध्यलोक 3. अधोलोक (नीचे का भाग) दुनियाँ का आकार कैसा है ? तुम खडे रहो, दोनों पैर चौडे करो, दोनों हाथों को कमर पर टिका दो, बस दुनियाँ का यही आकार है, इसे तुम देख सकते हो। सबसे ऊपर मोक्ष है, उससे ऊपर कुछ भी नहीं। देव गति मनुष्य गति दुनियाँ में चार गति है ! देव गति, मनुष्य गति, तिर्यंच गति, नरक गति नियंचगांत 28

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