Book Title: Jain Subodh Ratnavali
Author(s): Hiralal Maharaj
Publisher: Pannalal Jamnalal Ramlal Kimti Haidrabad

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Page 205
________________ (१८५: ), 83 ૩૪ 84 जयसेन हरीसेन जयषेण लाइये ॥ af ३७ ३८ ac जगमाल देवरिख भीमरिख कर्मरिख । ४० ४१ ૪૨ राजरिख देवसेन संकरसेन धाईये ॥ ra ४४ ૪૫ लक्षमिलाभ रामरिख पद्मसुरी पेतालीस । ४ १ ४७ ૪ हरीसेन कूसलदत्त उवणिरिख ठाइये ४९ ५० ૫૧ પર जयसेण विजेरिख देवसेन सुरसेन । ५३ ૫૪ महासुरसेनस्वामी महासेन धारी हैं ।। ५५ EF ५७ ५८ जयराज गजसेन मीश्रसेन विजेसिंह । ॥ २ ॥ ५८. १० ९१ शिवराज लालजीने ज्ञानजीरिख भारी है ॥ FR 13 ६४ ५ भाणोजी रूपजीरिख विजेराज तेजरिख । FF १७ कुवरजीस्वामी के पीछे हरिजी विचारी है ॥

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