Book Title: Dharmvarddhan Granthavali
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 339
________________ २६० धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली चवदम सामि अनत पचास कह्या गणराय, छासठ साधने वासठ साधवी सहसे मिलाय । ११ । पनरम धरम तयालीस गणि चौसठ हजार, साहु साहुणी बासठ सहस अने सय चार । वासठ सहस जतीस छतीस गणाधिप सति । सोलम अज्जा इगसठि सहस छस वलि तंत । १२ । ढाल ३ पुरदर नी। साठ सहस मुनि पेतीस गणधर सतरम कंथु । साध्वी साठ हजार ने सै वोली ग्रन्थ । तेत्रीस गणधर अट्ठारम अरि पूरे आस । साध्वी साठ हजारे साहु सहस पंचास । १३ । मल्लिनाथ उगणीसम : साहु सहस चालीस । साहुणी सहस पंचावन, गणधर अट्ठावीस । .. वीसम मुनिसुव्रत जसु साधु तीस हजार। सहस पचासे साध्वी गणधर जास अढ़ार । १४ । इकवीसम नमिनाथ नमु सतरे गणईस । वीस सहस मुनि साध्वी सहसे इगतालीस । नेमिनाथ वावीसम साहु सहस अठार । साध्वी सहस चालीस गणधर जास इग्यार । १५ । सोल सहस साहु तेवीसम पास जिणेस । दश गणधर साहुणी अठतीस हजार गिणेस ।

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