Book Title: Jain Digvijay Pataka
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 30
________________ अनुक्रमणिका। १. मंगलाचरण भूमिका २. देवाधिदेव स्वरूप . . ३. अदेव स्वरूप . ४. प्राचीन इतिहास ऋषभचरित्र . . ५. दंडियों की उत्पत्ति मरीची कपिल से ६. वेद तथा ब्राह्मणोत्पत्ति ७. हिंसाकारी वेद की उत्पत्ति ... ८. अजित तीर्थकर सगर चक्रवर्ति . . ... ... २. १० में शीतल तीर्थकर के समय हरिबंश कुलोत्पत्ति .. १०. श्रेयांस ११ में तीर्थकर समय वानरद्वीप वसा और प्रथम वासुदेव बलदेव तथा प्रजापति राजा ने स्वपुत्री से.विवाह करा ५४ ११. वासु पूज्य १२ में तीर्थंकर द्विपृष्ट वासुदेव विजय बलदेव तारक प्रति वासुदेव ... ... .... . १२. विमल १३ में तीर्थंकर स्वयंभु वासुदेव भद्र बलदेव मैरक प्रति ____ वासुदेव ... .... .. १३. अनन्त १४ में तीर्थकर पुरुषोत्तम वासुदेव सुप्रम बलदेव मधु कैटम प्रति० .... .... १४. धर्म १५ में तीर्थकर पुरुष सिंह वासुदेव सुदर्शन बलदेवं निशुंभ प्रतिवा० ... १५. १५ में १६ में तीर्थकर के मध्य में मघवा और सनतकुमार दो चक्रवर्ति हुये ... .... .... ..... १६. शांति १६ में तीर्थकर और पांचमें चक्रवात हुये .. १७. कुंथु १७ में तीर्थंकर चक्रवर्चि छठे हुए ... ... १८, अरनाथ १८ में तीर्थकर और ७ में चक्रवर्ति गृहस्थावस्था में हुए ५७. ५७

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