Book Title: Jain Bhajan Sangraha
Author(s): ZZZ Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 3
________________ ....33 . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . ......34 ......40 25.तर्ज (दो हंसो का जोडा बिछुड गयो रे-गंगा जमुना)....................... 26.बोल बोल आदेश्वर वाला पूरा दे.....................................................30 27.प्रभु पार्श्वनाथ, प्रभु भेरवनाथ क्षमापना मंत्र... 28.मेरा धाम (मोक्ष).......... 29.श्री पारस इक्तिसा.......... 30.मनवा ! मधुर गीत तु गाले................... ..........37 31.मेरी नैया पड़ी मझधार में ..... ........38 32.जिया तुम अपने को पहिचानो .. .....39 33.यहा झुठा है जंजा .................. 34.निश्चय और व्यवहार........................... .....41 35.मै क्या करु, -संगम........... 36.धर्म का हुवा हाल बेहाल ................. 37.यह जग माया का बाजार................... 38.कर लेना तु त्याग भलाई भी............... 39.तुझे हम ढूंढ रहे है कहां है देहरे वाले .................. 40.एक दर पे भिखारी है... 41.बरसा पारस सुख बरसा आंगन -2 सुख बरसा ......... 42.तुझे पिता कहुं या माता तुझे मित्र कहुं या भ्राता................ 43.स्वागतम गुरूवर शरणागतम गुरूवर ........ 44.जय महावीरा बोल जरा बोल है ये अनमोल जरा ............... .........54 45.मैं तेरी महर की नज़र चाहता हं............ .........56 46.तेरी याद में ओ भगवन हम तो हुए दिवाने ................. 47.तेरा ही नाम है लब पे तुझे ही गुन गुनाता हूं, ................. 48.मोक्ष के प्रेमी हमने कर्मो से लढते देखे 49.मधुबन के मंदिरो में भगवान बस रहा है................ .....60 50. भगवान मेरी नैया उस पार लगा देना .................... 51.जीवन है पानी की बूंद कब मिट जाए रे ...................... 52.बाबा कुण्डलपुर वाले की भक्ति करो झूम झूम के............................. ..........45 47 48 ....... 51 .......52 ........57 ....58 59 ....61 ....62

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