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प्रतिमान प्रमाण
प्रमाण
रसमाणप्पमाणेणं वारग-घडग-करग-कलसिय-गग्गरि- दंडं धणुं जुगं नालियं च, अक्खं मुसलं च चउहत्थं । दइय-करोडिय-कुंडियसंसियाणं रसाणं रसमाणप्पमाण- दसनालियं च रज्जु, वियाण ओमाणसण्णाए ।। निवित्तिलक्खणं भवइ ।
(अनु ३७७) वत्थुम्मि हत्थमेज्ज, खित्ते दंड धणुं च पंथम्मि । __रसमान प्रमाण से वारक (छोटा घड़ा), घट, खायं च नालियाए, वियाण ओमाणसण्णाए॥ करक (झारी), कलशी, गगरी, दीवड़ी, करोटिका
(अनु ३८०) (बड़ी कुण्डी) और कुण्डिका में डाले हुए रसों का रस- जिससे अवमान (लम्बाई, चौड़ाई और परिधि का मान प्रमाण जाना जाता है।
माप) किया जाता है, वह अवमान है। जैसे-हाथ, उन्मान प्रमाण
दण्ड, धनुष, युग, नालिका, अक्ष और मुसल । उम्माणे-जण्णं उम्मिणिज्जइ, तं जहा--अद्धकरिसो दण्ड, धनुष, युग, नालिका, अक्ष और मुसल चार करिसो, अद्धपलं पलं, अद्धतुला तुला, अद्धभारो भारो। हाथ का होता ह । दस
हाथ का होता है। दस नालिका की एक रज्जू होती है। दो अद्धकरिसा करिसो, दो करिसा अद्धपलं, दो
ये अवमान संज्ञा से ज्ञातव्य हैं।
वास्तु (घर की भूमि) हाथ से मापा जाता है, खेत अद्धपलाई पलं, पंचुत्तरपलसइया तुला, दस तुलाओ अद्ध
दण्ड से मापा जाता है, मार्ग धनुष से मापा जाता है भारो, बीसं तुलाओ भारो।
(अनु ३७८)
और खाई का गड्ढा नालिका से मापा जाता है। ये भी जिससे तोला जाता है, वह उन्मान है, जैसे -अर्धकर्ष,
अवमान संज्ञा से ज्ञातव्य हैं । कर्ष, अर्धपल, पल, अर्धतुला, तुला, अर्धभार, भार । दो
एएणं ओमाणप्पमाणेणं खाय-चिय-रचिय-करकचियअर्धकर्ष का एक कर्ष, दो कर्ष का एक अर्धपल, दो
कड-पड-भित्ति-परिक्खेवसंसियाणं दवाणं ओमाणप्पअर्धपल का एक पल, एक सौ पांच पलों की एक तुला, का एक पल, एक सा पाच पला का एक तुला, माणनिवित्तिलक्खणं भवइ।
(अनु ३८१) दस तुला का एक अर्धभार और बीस तुला का भार
इस अवमान प्रमाण से खोदे हुए, चिने हुए, बनाए होता है।
हुए, करोत से काटे हुए तथा कट, पट, भित्ति और अर्धकर्ष--आधा तोला
परिधि - इनसे संबद्ध द्रव्यों का अवमान प्रमाण जाना कर्ष-एक तोला
जाता है। अर्धपल-दो तोला
गण्य प्रमाण पल-चार तोला
गणिमे ---जण्णं गणिज्जइ, तं जहा-एगो दस सयं अर्धतुला--दो सौ दस तोला (२६ सेर)
सहस्सं दससहस्साई सयसहस्सं दससयसहस्साई कोडी। तुला-चार सौ बीस तोला (५१ सेर)
___(अनु ३८२) अर्धभार-चार हजार दो सौ तोला (१ मन
जो गिना जाता है वह गण्य है, जैसे-एक, दस, १२३ सेर)
सौ हजार, दस हजार, सौ हजार (लाख), दस सौ भार-आठ हजार चार सौ तोला (२ मन २५ सेर) हजार (दस लाख) और कोटि ।
उम्माणप्पमाणेणं पत्त-अगरु-तगर-चोयय-कुंकुम-खंड- एएणं गणिमप्पमाणेणं भितग-भित्ति-भत्त-वेयण-आयगुल-मच्छंडियादीणं दव्वाणं उम्माणप्पमाणनिवित्ति- व्वयसंसियाणं दव्वाणं गणिमप्पमाणनिवित्तिलक्खणं लक्खणं भवइ। (अनु ३७९) भवइ ।
(अनु ३८३) __उन्मान प्रमाण से पत्र (तेजपत्र आदि), अगरु, तगर, इस गण्य प्रमाण से भृतक (कर्मकर), भृति (वृत्ति), चोयक (सुगन्धित द्रव्य), कुंकुम, खाण्ड, गुड़, मस्त्यण्डिका भक्त (भोजन), वेतन और आय-व्यय से संबद्ध द्रव्यों का (राब) आदि द्रव्यों का उन्मान प्रमाण जाना जाता है। गण्य प्रमाण जाना जाता है। अवमान प्रमाण
प्रतिमान प्रमाण ओमाणे --जण्णं ओमिणिज्जइ, तं जहा-हत्थेण वा पडिमाणे-जण्णं पडिमिणिज्जइ, तं जहागुंजा दंडेण वा धणुणा वा जुगेण वा नालियाए वा अक्खेण वा। कागणी निष्फावो कम्ममासओ मंडलओ सुवण्णो । पंच मुसलेण वा।
गुंजाओ कम्ममासओ, चत्तारि कागणीओ कम्ममासओ,
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