Book Title: Anitya Bhavna
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Jain Granth Ratnakar Karyalay

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Page 138
________________ ( ३ ) उत्तम विचारो से शान्ति और सुख प्राप्त होता है और अशुद्ध और अधम विचारों से घबराहट और दुःख मिलता है । यह भी जान लो कि छोटे २ कामो और कृत्यों के करने में विषाद और हर्ष विद्यमान है । इस का यह तात्पर्य नहीं है कि कृत्य में ही विषाद वा हर्ष उत्पन्न करने की कोई शक्ति है । उस के विषय मन की' जो भावना होती है उस भावना मे यह क्ति है और जिम प्रकार कोई कृत्य किया जाता है उसी पर *त्येक वस्तु का आश्रय है । देखो छोटे २ कामों को निष्कामता, बुद्धिमत्ता और पूर्णता से करने से परम आनन्द वा हर्ष ही नही प्राप्त होता वरञ्च एक बडी शक्ति वा सामर्थ्य उत्पन्न हो जाती है, क्योकि सम्पूर्ण जीवन छोटी २ बातो से ही मिलकर बना है । बुद्धिमत्ता इसी में है कि जीवन के सारे काम जो नित्यप्रति होते रहते हैं सोच विचार कर किये जाए और जब किसी वस्तु के भाग पूरे २ बनाए जाएंगे तो वह सम्पूर्ण वस्तु भी अतिसुन्दर और निर्दोष होगी । इस बात का ध्यान रक्खो कि प्रतिक्षण तुम दृट्टता शुद्धता और किसी विशेष उद्देश्य से काम करो; प्रत्येक कर्म और कृत्य मे एकाता और निःस्वार्थ से काम लो, अपने प्रत्येक विचार, वचन और कर्म में मीठे और सच्चे बनो, इस प्रकार अनुभव और अभ्यास द्वारा अपने जीवन की छोटी २ बातों को उत्तम समझने से तुम धीरे २ चिरस्थायी श्रेय और परम सुख और शील के गुण प्राप्त कर लोगे ।

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