Book Title: Vidyopasna
Author(s): Himmatram Mahashankar Yagnik
Publisher: Yogesh Yagnik

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Page 92
________________ 1 ३ महापद्मवनांतस्थायै नमः । महात्रिपुरमालिन्यै महात्रिपुर सिद्धाम्बायै महाश्रीत्रिपुरोबिकायै नवचक्रमहादेव्यै महात्रिपुर भैरव्यै श्रीमात्रे ललितायै बालायै राजराजेश्व उत्पत्तिस्थितिसंहार चक्रचक्रनिवासिन्यै भूचक्रवासरसिका मेरुचक्र निवासिन्यै कालचक्रभ्रमोनद्व. ज्योतिश्वक प्रवर्तिभ्यै । अर्द्ध मेरुचक स्थायै M 20 L 20 M " ... 1. 20 20 20 20 " LD ม 10 " सर्वलोकमहे वल्मीकपूर मध्यस्थायै जबूवननिवासिन्यै अनलचक्रचक्रस्थायै J 1.9 RO AJ "" " " 9. 1." 1 1 1 ८२ .." " . व्याघ्रचक्रनिवासिन्यै ... । ... ३ श्रीकालहस्तिनिलयायै नमः । काशीपुर निवासिन्यै श्रीमत्कैलासनिलयायै 10 .. 10 " " .. 30 ** " 19 ** 3.9 LO 18 20 " 10 an श्रीषोडशांत मध्यस्थायै सर्ववेदान्तलक्षितायें श्रुतिस्मृतिपुराणेतिहा सागम कुलेश्व भूतभौतिकतन्मात्र "देवताप्राणमभ्यै । ม AD " 22 10 ** 10 1 जीवेश्वरब्रह्मरूपत्रिगुणाढयागुणात्मिकायै । अवस्थात्रयनिर्मुक्तायै १०० वामोमामहेश्व गायत्रीभूवनेशान्यै दुर्गा काल्यादिरूपिण्यै मत्स्य कूर्मवराहादि नानावेशविलासिन्यै । महायोगीश्वराराध्यायै.. ' महावीर वरप्रदायै सिद्धेश्वर कुलाराध्यायै श्रीमच्चरणभैरवायै 20 1 ** 1 1.4 AP 1 I W 20 * सौः क्लीं ऐं श्रीं ह्रीं ऐ ॥ अनेन श्री सौभाग्याष्टोत्तरशतनामभिः अमुकद्रव्य समर्पणाख्येन कर्मणा भगवती श्री राजराजेश्वरीमहात्रिपुरसुंदरी देवता प्रीयताम् || इति श्रीरुद्रयामले सौभाग्याष्टोत्तरशतनामानि ॥ * આ નામાવલીને સંકલ્પ અહીં અપાયા નથી. સકલ્પ અને બ્ર્યાદિ ન્યાસ પાના ૭૬ ઉપર પંક્તિ ૧૯થી ૨૫માં અપાઈ ગયા છે. તેમના નામાવલીના આર્ભમાં ઉપયાગ કરવા.

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