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अतंद्र
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अतिपातक
अतंद्र-(वि०) तंद्रारहित, जागरूक, सचेष्ट
अतिक्रमित, अतिक्रांत-सं० (वि०) 1 आक्रमण से दबा हुआ अतंद्रि-(वि०) सतर्क
2 आगे बढ़ा हुआ 3 अतीत अतंद्री-(वि०) जिसे आलस न घेरता हो
अतिक्रामक-सं० (पु०) क्रम या मर्यादा का उल्लंघन अतः-(अ०) 1 इसलिये 2 अब से 3 इसकी अपेक्षा। परं करनेवाला (क्रि० वि०) इसके बाद
अतिक्रुद्ध-सं० (वि०) बहुत नाराज अतएव-(अ०) 1 इस कारण से 2 इसी से
अतिक्रूर-सं० (वि०) अति निष्ठर अतगत-(क्रि० वि०) अनुचित रूप से
अतिगत-सं० (वि०) 1 अति को पहँचा हुआ 2 अत्यधिक अतट-(वि०) तटरहित। -प्रपात (पु०) सीधा गिरने वाला अतिगति-सं० (स्त्री०) 1 उत्तम गति 2 मुक्ति झरना
अतिगुण-सं० (वि०) बहुत अच्छे गुणोंवाला अतथ्य-(वि०) 1 तथ्यरहित 2 असत्य
अतिगुरु-सं० (वि०) बहुत भारी अतनु-I (वि०) देहरहित II (पु०) कामदेव
अतिग्रह-सं० (वि०) दुर्बोध अतप-(वि.) 1 शीतल 2 आडंबरहीन 3 निठल्ला
अतिचर-सं० (वि०) अति परिवर्तनशील । अतमा-(वि०) अंधकाररहित
अतिचरण-सं० (पु०) आवश्यकता से अधिक करना अतर-अ० (पु०) इत्र । दान +फ़ा० इत्र रखने का पात्र, अतिचार-सं० (पु०) 1 उल्लंघन 2 अनुचित कार्य करना इत्रदान
अतिच्छादन-सं० आसपास छा जाना अतरल-(वि०) ठोस
अतिजन-सं० (वि०) जिसका घर न हो । अतरवन-(पु०) 1 छज्जा छाने के लिए पत्थर की पटिया अतिजागर-सं० (वि०) सदा जागते रहनेवाला, जागरूक 2 खपरों के नीचे फैलायी जानेवाली मूंज ।
अतिजात-सं० (दि०) 1 पिता से बढ़ा हुआ 2 श्रेष्ठ अतरसों-(अ०) परसों के बाद या पहले का दिन । अतिजीवन-सं० (पु.) कुल नष्ट होने पर बचा रह जाना अतर्क-[ सं० (वि०) तर्कहीन, असंगत II (प०) तर्क का । अतिजीवी-सं० (वि०) बचा रहनेवाला अभाव
अतितरण-सं० (पु०) 1 पार करना 2 पराभूत करना अतर्कित-सं० (वि०) 1 अनसोचा 2 अचानक
अतितृष्णा-सं० (स्त्री) 1 अत्यधिक प्यास 2 अत्यंत लालच अतळ-सं० (वि०) 1 तर्क न करने योग्य 2 अचिंत्य अतिथि–सं० (पु०) 1 मेहमान 2 यज्ञ में सोम संबंधी कार्य अतल-सं० (वि०) तलरहित, बिना पेंदे का। ~स्पर्शी | करनेवाला अनुचर | ~आश्रम; गृहभवन; ~शाला; (वि०) अथाह, बहुत गहरा
~सदन मेहमानों के रहने का घर/स्थान; -क्रिया (स्त्री०) अतलस-अ० (पु०) एक प्रकार का रेशमी वस्त्र
आतिथ्य; ~धर्म (पु०) आतिथ्य का अधिकार; पूजा अतलांत-सं० (वि०) अत्यधिक गहरा. जिसके तल का कहीं | (स्त्री०) अतिथि का स्वागत; यज्ञ (पु०) मेहमानदारी; अंत न हो
~सत्कार (पु०); ~सेवा (स्त्री०) मेहमान की आवभगत अतलांतक, अटलांटिक-अं० (पु.) एक महासागर का नाम अतिदी-सं० (वि०) दूरदर्शी अतवार-(पु०) रविवार
अतिदान सं० (पु.) बहत अधिक उदारता अता-अ० (पु०) दान। नामा +फा० (पु०) दानपत्र; अतिदिष्ट-सं० (वि०) 1 प्रभावित 2 आकृष्ट 3 दूसरे स्थान पर
~पता (पु०) स्थान या मकान को प्राप्त करने का विशेष रखा हुआ संकेत; ~बख्श +फ़ा० (वि०) उदार
अतिदुःसह-सं० (वि०) असह्य अताई-अ० (वि०) 1 जिसने खुद सीखा हो 2 चतर 3 अनाड़ी अतिदुर्गत-सं०.(वि०) जिसकी स्थिति बहुत खराब की गई हो 4 शौकिया
अतिदेश-सं० (पु०) 1 एक वस्तु के धर्म पर अन्य का आरोपण अतारांकित-सं० (वि.) जिस पर तारा का चिह्न न लगा हो | 2 सादृश्य 3 निष्कर्ष अतार्किक-सं० (वि०) तर्कहीन
अतिदोष-सं० (पु०) बहुत बड़ा दोष, अपराध अति-[ सं० (उप०) 1 बहत 2 सीमा के पार II (स्त्री०) अतिद्रुत-सं० तेज़ गति वाला ज्यादती। ~उत्पादन (पु.) अधिक उत्पादन
अतिनिकट-सं० बहुत पास अतिकथ-सं० (वि०) 1 अविश्वसनीय 2 अकथ्य
अतिनिद्र-सं० (वि०) जो बहुत सोता हो अतिकथा-सं० (स्त्री०) 1 अतिरंजित कहानी 2 बकवाद अतिपतन-सं० (पु०) 1 भूल 2 गलती से छूट जाना अतिकर-सं० (पु०) अतिरिक्त टैक्स
3 अतिक्रमण अतिकल्पना-सं० (स्त्री०) अयथार्थ कल्पना
अतिपत्ति-सं० (स्त्री०) 1 समय व्यतीत होना 2 काम पूरा न अतिकांत-सं० (वि०) अत्यधिक प्यारा
करना 3 अतिक्रमण अतिकाय-सं० (वि०) विशालकाय
अतिपथ-सं० (पु०) उत्तम मार्ग अतिकाल-सं० (पु०) समय का बीत जाना
अतिपन्न-सं० (वि०) 1 (समय) बीता हुआ 2 अतिक्रांत अतिकृत-सं० (वि०) जिसे करने में मर्यादा का उल्लघंन किया अतिपरोक्ष-सं० (वि०) 1 अदृश्य 2 प्रकट गया हो
अतिपात-सं० (पु०) 1 मर्यादा का उल्लंघन 2 अव्यवस्था अतिक्रम, अतिक्रमण-सं० (पु०) 1 मर्यादा का उल्लंघन | 3 विरोध 4 दुष्प्रयोग 5 व्यवधान 6 हानि 2 दुरुपयोग 3 प्रबल आक्रमण 4 काबू पाना
| अतिपातक-सं० (पु०) धर्मशास्त्रानुसार महापातकों में सबसे