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* श्री लँबेचू समाजका इतिहास *
लम्बेचू आदि जातियोंके वृद्ध पुरुषों के मुखसे हमने स्वयं सुना है कि वे कहते थे तुम यदुवंश में हो और हम खरउआ इक्ष्वाकुवंश में हैं । लम्बेच यदुवंशी हैं इस बातकी प्रसिद्धि पहिले ही से है और इस समय प्रमाण उपस्थित होनेसे और भी ढ़ता हुई है ।
श्री सूरीपुरकी गुर्वावली में प्रमुख प्रसिद्ध श्री लोहाचार्य जी श्री लोकचन्द्रा चार्य तथा रामकीर्ति जी और गोपाचल दुर्ग पर श्री ललितकीर्ति आचार्य इन ४ चार आचार्यों ने लम्बेचू जाति में जन्म लिया है ऐसा पढ़कर निःसीम हर्ष हुआ है । हम आशा करते हैं कि जाति नेतागण यह बात सुनकर अपनेको अतिशय कृतार्थ मानेगे । लम्बेचू जातिके लिये यह बड़े गौरव की बात है जो ऐसे चरित्रशील प्रसिद्ध दिग्गज विद्वान इस जाति के वंशधर थे और भी इस जाति की गौरवता की बातें ज्ञात होंगी जब जातिके ८४ (चौरासी) गोत्रोंकी वंशावलि तथा उनके पुण्य कृत्यों का वर्णन करते हुये पवित्र चरित्र वर्णन करेंगे
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