________________
१५२ वी मेनु समाजका इतिहास है शायद चूड़ासमास और चूड़ा दूसरे हों। इस से कर्नल टाड साहब ने राठोरवंश के क्षत्रियों को राठोर जैन अत्रिय लिखा है जिन के १४ पुत्र थे। इतने लिखने का तात्पर्य यह है कि सिसोदे के सरदारों में भ भट्ट सरदार हैं । रणसिंह द्वितीय नाम कर्णसिंह गुहिल वंशीसे दो शाखा चली। माहप से रावल शाखा और राहप से राणा शाखा और ये मेवाड़ चित्तोढ़ गढ़ के राजा रहै और कभी इन्हों से छीन चोहान वंशी राणा राजा रहै । समरसिंह आदि के पोछे मालदेव चोहान रहै इन से छीन अरिसिंह के पुत्र राणा हमीरसिंह चित्तोड़ के राजा भये । भर्तृ भट गच्छीय औंसिकनियुक्ति जैन ग्रन्थ में भटेकर देश लिखा है उससे या भदेसरसे आकर बसे हों इसे यह प्रान्त भदावर हुआ या भदेसर के चोहान यहाँ आकर राज्य किया जिस से भदावर प्रान्त हुआ। चित्तोड़ पर गुहिल सीसोदे काराज्य था जब कुमारसिंह का भाई सामंत सिंह राज्य करता था, उस से छीन कर कीर्तिसिंह ने राज्य किया जो चोहान थे इनको कीर्तिपाल कीर्तुं भी द्वितीय खंड राजपूताने के इतिहास में लिखा है पेज ४५५ में विक्रम संवत् १२१८ और ४३८ पेज में