Book Title: Kalidas Paryay Kosh Part 01
Author(s): Tribhuvannath Shukl
Publisher: Pratibha Prakashan

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Page 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir समर्पण हरिं गायं गायं गतिमतिरती रातुमुदितः सुधां पायं पायं रघुवरभवां नामरसिकः।। कथां श्रावं श्रावं श्रवणगतभक्त्यै धृततनुः गुरुर्भद्राचार्यो धुरि भुवि सरामो विजयते।। 1।। वयो बाल्ये याते परपितरमाराध्य परमोऽ करोद्यः कण्ठस्थं मनसि ललितं रामचरितम्।। अहोरात्रं वाण्या वितरति गुरुर्मानसरसम् स मां भद्राचार्योऽवतु पुरि सरामो भवभयात्।। 2 ।। विरागी वैरागी त्रिभुवनपते रागरसिकः __शरण्योऽरण्येऽस्मिन्नपि यतिवरो रामशरणः।। कलापूर्णः काव्ये विकलजनसेवाव्रतधरः कुलाधीशो विद्यालयजगति मान्यो विजयते।।3।। सुकोशो विद्याया विलसति गुरोस्ते वचसि यः प्रतोषः शिष्याणां प्रभवति वचोभिनतिमताम्।। सपर्या पर्यायस्त्रिभुवनकृता या कविमणे: कृतार्था स्यात्साऽतः करकमलयोरर्पणमिदम्।।4।। For Private And Personal Use Only

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