Book Title: Jin Darshan Chovisi
Author(s): Prakrit Bharti Academy
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 22
________________ 4. भगवान् अभिनन्दन - अनेकान्त रूपी समुद्र को उल्लसित करने में चन्द्र तुल्य हैं वे भगवान् अभिनन्दन स्वामी आनन्ददायी बनें। पूर्वभव संख्या -3 च्यवन स्थान-विजय च्यवन तिथि -वैशाख सुदि४ जन्म नगरी -अयोध्या जन्म तिथि -माघ सुदि 2 वंश -इक्ष्वाकु पितृ नाम -संवर मातृ नाम -सिद्धार्था जन्म नक्षत्र -पुनर्वसु (अधीचि) जन्म राशि -मिथुन लाञ्छन -वानर वर्ण - स्वर्ण दीक्षा नगरी - अयोध्या दीक्षा तिथि -माघ सुदि 12 छ्यस्थ काल -18 वर्ष ज्ञान नगरी -अयोध्या ज्ञान तिथि - पौष सुदि 14 गणधर संख्या-११६ गणधर नाम -वज्रनाभ मोक्ष स्थान -सम्मेतशिखर मोक्ष तिथि -वैशाख सुदि८ यक्ष नाम -यक्षनायक यक्षिणी नाम-काली प्रमुख तीर्थ

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