Book Title: Jin Darshan Chovisi
Author(s): Prakrit Bharti Academy
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 50
________________ 13. भगवान् विमलनाथ निर्माल्य चूर्ण की भांति जगत् जन के चित्त रूपी वारि को जो निर्मल करते हैं उन्हीं विमलनाथ की वाणी जययुक्त हो। ' पूर्वभव संख्या -3. च्यवन स्थान-सहस्त्रार च्यवन तिथि - वैशाख सुदि 12 जन्म नगरी -कापिल्यपुर जन्म तिथि -माघ सुदि३ वंश -इक्ष्वाकु पित नाम -कृतवर्म मातू नाम -श्यामा जन्म नक्षत्र -उभाद्रपद जन्म राशि -मीन लाञ्छन -शूकर वर्ण -स्वर्ण दीक्षा नगरी -कांपिल्यपुर दीक्षा तिथि -माष सुदि४ * छयस्थ काल -2 वर्ष ज्ञान नगरी -कांपिल्यपुर ज्ञान तिथि -पौष सुदि६ गणधर संख्या-५७ गणधर नाम -मंदर मोक्ष स्थान -सम्मेतशिखर मोक्ष तिथि -आषाढ़ वदि७ यक्ष नाम -षण्मुख यक्षिणी नाम-विदिता प्रमुख तीर्थ-कंपिला, पेदाअमीरम्

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