Book Title: Jin Darshan Chovisi
Author(s): Prakrit Bharti Academy
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 28
________________ 6. भगवान् पद्मप्रभ काम-क्रोधादि रूपी अन्तरंग वैरियों के मन्थन हेतु कोप-प्रबलता के कारण जिनके शरीर ने अरुण वर्ण धारण किया है वे . पद्मप्रभ तुम्हारा, कल्याण करें। पूर्वभव संख्या -3 च्यवन स्थान-नवम त्रैवेयक च्यवन तिथि -माघ वदि६ जन्म नगरी -कौशाम्बी जन्म तिथि -कार्तिक वदि 12 वंश -इक्ष्वाकु पितृ नाम -धर मातृ नाम -सुसीमा जन्म नक्षत्र -चित्रा जन्म राशि -कन्या लाञ्छन -कमल वर्ण -रक्त दीक्षा नगरी -कौशाम्बी दीक्षा तिथि -कार्तिक वदि 13 / छयस्थ काल -6 मास ज्ञान नगरी -कौशाम्बी ज्ञान तिथि -चैत्र सुदि 15 गणधर संख्या-१०७ गणधर नाम -सुव्रत मोक्ष स्थान -सम्मेतशिखर मोक्ष तिथि -मिगसिर वदि 11 यक्ष नाम -कुसुम यक्षिणी नाम - श्यामा प्रमुख तीर्थ- कौशाम्बी, नाडोल, महुडी, लक्ष्मणी

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