Book Title: Jin Darshan Chovisi
Author(s): Prakrit Bharti Academy
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 62
________________ - 17. भगवान् कुन्थुनाथ जो अतिशय रूप ऋद्धि सम्पन्न हैं, सुरासुर-नर के अद्वितीय स्वामी हैं वे कुन्थुनाथ तुम्हारे कल्याणरूप लक्ष्मी-प्राप्ति का कारण बनें। पूर्वभव संख्या -3 च्यवन स्थान-सर्वार्थसिद्धि - च्यवन तिथि - श्रावण वदि 9 जन्म नगरी -हस्तिनापुर जन्म तिथि -वैशाख वदि 14 / वंश -इक्ष्वाकु पितृ नाम -सूर मातृ नाम -श्री जन्म नक्षत्र -कृत्तिका जन्म राशि -वृषभ लाञ्छन -छाग वर्ण -स्वर्ण दीक्षा नगरी -हस्तिनापुर दीक्षा तिथि -वैशाख वदि५ . छदस्थ काल -16 वर्ष ज्ञान नगरी -हस्तिनापुर ज्ञान तिथि -चैत्र सुदि३ गणधर संख्या-३५ गणधर नाम -स्वयम्भू मोक्ष स्थान -सम्मेतशिखर मोक्ष तिथि -वैशाख वदि 1 यक्ष नाम -गन्धर्व यक्षिणी नाम-बला प्रमुख तीर्थ

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