Book Title: Jin Darshan Chovisi
Author(s): Prakrit Bharti Academy
Publisher: Prakrit Bharti Academy

View full book text
Previous | Next

Page 34
________________ 8. भगवान् चन्द्रप्रभ चन्द्रकौमुदी की भांति उज्ज्वल चन्द्रप्रभ भगवान् की जो मूर्ति है, उसे देखने से लगता है जैसे शुक्लध्यान ही मूर्तिमंत हो उठा है,. वह मूर्ति तुम्हारे ज्ञान-लाभ का कारण बने। पूर्वभव संख्या -3 च्यवन स्थान-वैजयन्त च्यवन तिथि -चैत्र वदि 5 जन्म नगरी -चन्द्रपुरी जन्म तिथि -पौष वदि 12 वंश -इक्ष्वाकु पितृ नाम -महासेन मातृ नाम -लक्ष्मणा जन्म नक्षत्र -अनुराधा जन्म राशि -वृश्चिक लाञ्छन -चन्द्र -शुक्ल दीक्षा नगरी -चन्द्रपुरी दीक्षा तिथि -पौष वदि 13 छयस्थ काल -3 मास ज्ञान नगरी -चन्द्रपुरी ज्ञान तिथि -फाल्गुन वदि७ गणधर संख्या-९३ गणधर नाम मोक्ष स्थान -सम्मेतशिखर मोक्ष तिथि -भादवा वदि७ यक्ष नाम -विजय यक्षिणी नाम-मृकुटि वर्ण. प्रमुख तीर्थ- राजगृही, चन्द्रपुरी, प्रभास पाटण।

Loading...

Page Navigation
1 ... 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86