Book Title: Jain Darshan aur Vigyan
Author(s): Mahendramuni, Jethalal S Zaveri
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 10
________________ (१) उपवास आदि तप १४२-१५७ आहार और अनाहार १४२-उपवास १४३-उपवास का मूल्य : वैज्ञानिकों की दृष्टि में १४५-उपवास-चिकित्सा १४६-उपवास शरीर में क्या करता है? १४७-विभिन्न रोग और उपवास १४८-उपवास की अवधि १४९-उपवास में सावधानी १४९-भोजन में कमी करना (ऊनोदरी तप) एवं अस्वाद वृत्ति (वृत्ति संक्षेप) १५०-अध्यशन-वर्जन १५१-रात्रि-भोजन का परिहार १५२-रस-परित्याग १५३-चीनी और नमक पर नियंत्रण १५४-कुछ प्रयोग १५५ (२) शाकाहार बनाम मांसाहार १५७-१७२ मांसाहार का निषेध क्यों? १५७-अम्लों की विनाशलीला १५९-मनुष्य की प्राकृतिक रचना शाकाहारी जीवों जैसी १६०-मांसाहार रोगों का जन्मदाता १६३-हृदय रोग व उच्च रक्तचाप १६४-मांसाहार से कैंसर १६५-अन्य बीमारियां १६७-महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक तथ्य १६७-शाकाहार अधिक पौष्टिक व गुणकारी १६९-आर्थिक दृष्टि १७०-पर्यावरण १७२ (३) तम्बाकू-वर्जन १७२-१८३ व्यसनों की विनाश-लीला १७२-धूम्रपान १७२-नशीले पदार्थों का सेवन १७२-उत्तेजक पदार्थ १७५-जर्दा-धूम्रपान : बीसवीं सदी का निर्मम हत्यारा १७५-जर्दा-धूम्रपान : आत्म-हत्या का तरीका १७७-हत्या का प्रचलित तरीका धूम्रपान १७८-आत्मनिरीक्षण १७९-धूम्रपान क्यों और कैसे छोड़ें १७९-लोग जर्दा-धूम्रपान क्यों शुरू करते हैं? १७९-लोग जर्दा-धूम्रपान क्यों जारी रखते हैं? १८०-जर्दा-धूम्रपान कैसे छोड़ा जाए? १८१ (४) मद्यपान-वर्जन १८३-१९३ मद्यपान और अपराध १८४-मद्यपान और वेश्यावृत्ति १८७-मद्यपान और तलाक १८७-मद्यपान और गर्भस्थ शिशु १८७-मद्यपान और बाल-अपराध १८८-शराब और स्वास्थ्य १८८-मद्यपान और आयु १९१ (५) भाषा-विवेक १९४-२०९ शब्द भी : मौन भी १९४-वाणी की शक्ति १९४-मौन की शक्ति १९६-भाषा-विवेक के सूत्र १९७-शब्द और भावना १९८-धीमे बोलने का अभ्यास करें १९९-ध्वनिप्रदूषण के दुष्प्रभाव २००-मस्तिष्क में जासूसी २००-अल्ट्रासोनिक कार्डियोग्राफ २०१-शब्द और संगीत-चिकित्सा २०२-शब्द की शक्ति २०४-मंत्र की शक्ति २०५ अभ्यास-२०९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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