Book Title: Dandak Tatha Laghu Sangrahani
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

View full book text
Previous | Next

Page 6
________________ ա अथवा कुमारनी पेठे कीमापरत्व बे, माटे कुमार जाणवा. ते असुरकुमार बे, यादी जेमां, एवा असुरकुमारादिक जवनपति देवोना दश निकायनां नाम कहे बे. एक असुरकुमार निकाय, बीजो नागकुमार निकाय, त्रीजो सुवर्णकुमार निकाय, चोथो विद्युत्कुमार निकाय, पांचमो अग्निकुमारनिकाय, बो द्वीपकुमार निकाय, सातमो उदधिकुमारनिकाय, यामो दिक्कुमार निकाय, नवमो पवनकुमार निकाय, दशमो स्तनितकुमार निकाय ए दश निकायना दश दंकक जाणवा. एवं अगीयार दमक थया. ( पुढवाई के० ) पृथिव्यादि, - एटले पृथिवी, अप, तेज, वायु छाने वनस्पतिकाय ए पांच नेदवाला जीवना पांच दमक होय. एवं सोल दंगक थया. तथा (बे इंदियादि के०) द्वीप्रियादयः, एटले शरीर ने रसना ए वे बे इंद्रियो जेने, तेत्रा शंख, क पर्दिकादिक बेइंद्रिय जीव जाणवा. यहीं यदि शब्दे करी त्रींद्रिय, चतुरिंद्रिय जीव पण ग्रहण करवा. त्रीद्विय ते शरीर, रसना अने घाण, ए त्रण बे इंद्रियो

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 174