Book Title: Dandak Tatha Laghu Sangrahani
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 10
________________ य-अने. गाथा ३ जीना छुटा शब्दना अर्थ. सखित्तयरी उ-संक्षिप्तार्थने करदा- सन्ना-संज्ञा (४). . ___ वाली. संगण-संस्थान (६). इमा-आ (संग्रहणी). कसाय-कषाय (४). सरोरं-शरीर. उगाहणा-अवगाहना (३). लेस-लेश्या (६). इंदिय-इंद्रिय (५). संघयणा-संघयण (६). . दुसमुग्घाया-बे प्रकारना समुद्घात गाथा ४ थीना छुटा शब्दना अर्थ. दिहो-द्रष्टि (३). ठिई-स्थिति. दसण-दर्शन (४). पजत्ति-पर्याप्ति (६). नाणे-ज्ञान (८). किमाहारे-किमाहार. जोग--योग (१५). सनी-संज्ञी.(३). उवओग-उपयोग (१२). गइ-गति. उववाय-उपपात. आगई-आगति. चवण-व्यवन. वेए-वेद (३). विस्तारार्थः-या गाथानुं व्याख्यान सुलन बे, तोपण बालावबोधार्थ लखे बे. (श्मा के०) श्यं एटले आ शरीरादि चोवीश छारवाली में संग्रहणी ते ( संखित्तयरी उ के०) संदिप्तकरी तु, एटले संघयण नामे

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