Book Title: Astha ki aur Badhte Kadam
Author(s): Purushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher: 26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
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आस्था की ओर बढ़ते कदम मेरे धर्मभ्राता लिखने व पत्र व्यवहार में कम नहीं है । वह सब वातें एक पत्र में लिख कर ले गए। साथ में भारत सरकार का वह पत्र भी था जो केन्द्रीय शिक्षा उप मंत्री श्री. डी. पी. यादव ने सारे भारत को समिति निर्माण के लिए लिखा था । जिस में राज्यों को समिति निर्माण करने के लिए दिशा निर्देश दिए गए थे ।
श्री वागला को हम सचिवालय में दोपहर के बाद मिले। स्वागत कक्ष में जाते हुए तलाशी से गुजरने पड़ा । फिर स्वागतकर्ता से सामना हुआ । कर्मचारियों ने फोन से आज्ञा मांगी। जो उन्हें श्री वागला ने दे दी। पंजाव का यह सचिवालय सात मंजिला है। पंजाब में सर्वप्रथम लिफट यहां लगी थी । यह पंजाव के स्वर्गीय मुख्य मंत्री श्री प्रताप सिंह कैरों जी की देन है। वैसे तो सारा चंडीगढ़ ही इस राष्ट्र भक्त की देन है। श्री कैरों विदेशों में पढ़े थे। उन्हें पंजाव व भारत माता से शुरू से ही प्रेम था । वह अनुशासन प्रिय थे। उनका लगाव नेहरू परिवार से था । भाखड़ा नंगल डैम उनकी देन है। वह आधुनिक पंजाब के निर्माता थे। वह पंजाव एकता के प्रवल समर्थक थे। इस विशाल सचिवालय में अब तो तीन सरकारें चल रहीं है । पंजाब, हरियाणा व चण्डीगढ़ | हम दोनों रिकार्ड सहित सीढ़ियां चढ़ने लगे तो किसी ने राय दी कि लिफट में चढ़ जाओ। एक मिन्ट में पहुंच जाओगे । हम लिफ्ट के माध्यम से शीघ्र पहुंच गए। हम श्री वागला के कार्यालय की ओर बढ़े। उनके चपड़ासी को स्लिप भेजी । वह अपने दफ्तर में हाजिर थे। उन्होंने हमें बुलावा भेजा फिर सम्मान सहित हमारी बात सुनी ।
छोटे से दफतर में सभी कुछ भव्य था । आखिरकार पंजाब सरकार सारी इसी सचिवालय से संचालित होती है। मंत्रियों, उनके सचिवों के दफतर साथ-साथ हैं। उपर से यहां
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