Book Title: Sutrakritangam
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: Venichand Surchand

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Page 3
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ॐreeri १००१ शेठ नगीनदास जीवणजी नवसारी ६०१ शेठ लल्लुमार केवलदास कपडवंज ५०१ शेठ मगनलाल दीपचंद माणसा प्रतयः १००० ] www.kobatirth.org अर्हम् श्रीमच्छीलाङ्काचार्यविहितविवरणयुतं श्रीमत्सुधर्मस्वामिगणभृट्टब्धं । श्रीमत्सूत्रकृताङ्गम् । ५०१ शा नथुभाइ लालचंदनी दीकरी बार परसन कपडवंज ५०० झवेरी कस्तुरचंद झवेरचंद सुरत ५०० बाइ पारवती ते शा दलछाराम वखतचंदनी विधवा अमदाबाद ५०० बाइ मोंघीबाई शेठ लल्लुभाइ चुनीलालनी धणीयाणी सुरत ५०० शेठ सोभाग्यचंद माणेकचंद सुरतबंदर प्रकाशयित्री - पूर्वोक्तमहाशयानां संपूर्णद्रव्यसहायेनागमोदयसमितिः श्रेष्ठिवेणिचन्द्रसूरचन्द्रद्वारा । वीरसंवत् २४४३. विक्रमसंवत् १९७३. क्राइष्टस्य सन् १९१७. वेतनं २-१२-० [ Rs.2-12-0] Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir For Private And Personal DONCEPOX

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